जेएनयू में बीते रविवार को नकाबपोश बदमाशों ने हिंसा का प्रयोग कर कुछ छात्रों को घायल कर दिया था। इस घटना के बाद भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस मामले की जांच करने में जुटी हुई है, हाल ही में इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने दावा किया है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में 5 जनवरी की शाम को हुई हिंसा की घटनाएं आधे घंटे के अंदर घटित हुईं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस सूत्रों ने इस मामले को निजी बताते हुए कहा कि सभी लड़ाई और हमले शाम 7 से 7.30 के बीच हुए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, एबीवीपी के छात्र विवेकानंद जी की प्रतिमा के पास जमा हुए, जबकि लेफ्ट के छात्र जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा के पास दोपहर 2 बजे जमा हुए। इस जगह से तितर-बितर होते समय दोनों समूहों के बीच हाथापाई हुई।
हॉस्टल में कुछ लोगों को हाथ में लाठियां लिए हुए देखा गया..
इसके अलावा उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस को पहला पीसीआर कॉल, पेरियार हॉस्टल से लगभग 3 बजकर 45 मिनट पर आया था। पुलिस के सूत्रों ने दावा करते हुए बताया, तुरंत इस कॉल का जवाब दिया गया और एडमिन ब्लॉक में तैनात पुलिस कर्मियों को मौके पर भेजा गया। पेरियार हॉस्टल में कुछ लोगों को हाथ में लाठियां लिए हुए देखा गया। उन्होंने कुछ छात्रों पर हमला किया लेकिन उन्होंने हॉस्टल में प्रवेश नहीं किया। ‘पुलिस के सूत्रों ने आगे और दावा करते हुए बताया, ‘लगभग शाम 5 बजे से 5.15 बजे के बीच DCP ने परिसर में प्रवेश किया। उन्होंने पेरियार हॉस्टल में जाकर स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने पुष्टि की कि सब कुछ सामान्य है और इसके बाद वह मुख्य द्वार पर लौट आए। पेरियार हॉस्टल की घटना के बाद, JNU मुख्य द्वार बंद कर दिया गया और किसी को भी आने-जाने की इजाजत नहीं थी।
700 लोगों ने विश्वविद्यालय में किया प्रवेश
बता दें कि पुलिस के सूत्रों ने जानकारी साझा करते हुए बताया, ‘शाम लगभग 5.30 से 5.45 बजे के बीच पुलिस ने फिर से एक पीसीआर कॉल रिसीव की, जिसमें बताया गया कि 700 लोगों ने विश्वविद्यालय में प्रवेश किया है। एडमिन ब्लॉक के पुलिस अधिकारियों को फिर से वहां भेजा गया, लेकिन कुछ भी नहीं मिला। कोई भीड़ नहीं मिली। इसके बाद पीसीआर कॉल करने वाले शख्स को फोन मिलाया गया, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ मिला।