शीना बोरा हत्याकांड प्रकरण में जेल में कैद आरोपी इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी का डाइवोर्स हो गया है। गुरुवार को मुंबई की पारिवारिक अदालत ने इंद्राणी मुखर्जी और पीटर के तलाक को स्वीकृति दे दी है। दोनों का तलाक आपसी सहमति से हुआ है। जनवरी 2017 में इंद्राणी मुखर्जी ने पीटर मुखर्जी से तलाक लेने की घोषणा की थी।

पीटर मुखर्जी को कानूनी नोटिस जारी
इसके बाद अप्रैल में इंद्राणी मुखर्जी ने पीटर मुखर्जी को कानूनी नोटिस जारी किया था। फिर सितंबर 2018 में दोनों ने अदालत के सामने तलाक लेने की सहमति दी थी। इसके लिए दोनों पुलिस वैन में अदालत पहुंचे थे। शीना बोरा हत्याकांड प्रकरण में इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी आरोपी हैं और वर्ष 2015 से जेल में कैद हैं। दोनों को अलग-अलग जेल में रखा गया है। फिलहाल शीना बोरा हत्याकांड केस में दोनों के खिलाफ ट्रायल चल रहा है। मुंबई की फैमिली अदालत ने दोनों को सुलह-समझौता का वक़्त दिया था, साथ ही मामले की सुनवाई 6 महीने बाद निर्धारित की थी।

आपसी सहमति से हुआ तलाक
जब दोनों के बीच सुलह-समझौता नहीं हो सका, तो अदालत ने आपसी सहमति से दोनों को तलाक दे दिया। इस प्रकार तलाक की अर्जी अदालत में देने के एक वर्ष बाद दोनों का तलाक हो गया। फैमिली कोर्ट में वकील सुष्मिता नायर ने पीटर मुखर्जी की पैरवी की। नायर ने कहा कि अभी बीच में पीटर मुखर्जी बहुत बीमार हो गए थे, जिसके कारण तलाक की प्रक्रिया में देरी हुई है। पीटर मुखर्जी के दोबारा से स्वस्थ होने के बाद उनकी स्वीकृति ली गई और तलाक की प्रक्रिया संपन्न की गई।

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