रांची। झारखंड के पांच प्रमुख जिलों से कोविड-19 के मरीजों के जो सैंपल जुटाए गए थे, उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद पता चला हैं कि राज्य में सबसे ज्यादा डेल्टा वैरिएंट से संक्रमण हुआ। डेल्टा के अलावा राज्य में, कप्पा और अल्फा वैरिएंट्स भी बड़े तौर पर दिखाई दिया। अन्य प्रकार के वैरिएंट्स 32 सैंपलों में मिले हैं। इनका कोड बी.1 ग्रुप से ही जुड़ा है लेकिन इनके टाइप अलग हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के हवाले से खबरों में कहा गया कि राजधानी रांची के अलावा, जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग और पलामू से अप्रैल व मई के महीनों में लिए गए कुल 364 सैंपलों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर के लाइफ साइंस इंस्टीट्यूट भेजा गया था। इनमें से 328 सैंपलों को वीओसी श्रेणी का पाया गया।
झारखंड में स्वास्थ्य विभाग की आईईसी विंग के नोडल अफसर सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया,364 सैंपलों में से 56 प्रतिशत यानी 204 सैंपलों में डेल्टा वैरिएंट पाया गया, जबकि 63 सैंपलों में कप्पा और 29 में अल्फा वैरिएंट मिले है। बाकी सैंपलों में अन्य वैरिएंट्स का होना पाया गया। यही नहीं, अन्य जिलों से लिए गए सैंपलों को भी भुवनेश्वर की लैब भेजा गया है, जिसके बारे में रिपोर्ट का इंतज़ार है। बता दें कि राज्य में मार्च के आखिरी सप्ताह से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप शुरू हुआ था, जो अप्रैल के आखिरी हफ्ते में पीक पर पहुंचा था।
29 अप्रैल से 5 मई के बीच झारखंड में कोरोना की सेकंड वेव से भारी तनाव पैदा हुआ था, जब 16.25 प्रतिशत तक पॉज़िटिविटी रेट पहुंच गई थी और उसी हफ्ते में सबसे ज्यादा 951 मौतें हुई थीं। हालांकि एक हफ्ते में सबसे ज्यादा केस सामने आने का रिकॉर्ड इसके पिछले हफ्ते में रहा था, जब 44,133 नए केस सामने आए थे।गौरतलब है कि अब झारखंड में कोविड संक्रमण का दौर काफी हल्का पड़ चुका है। पाकुड़ जिला पूरी तरह कोरोना मुक्त घो​षित किया जा चुका है।

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