कांग्रेस के साथ झारखंड की सत्ता में शामिल हुई हेमंत सोरेन सरकार ने सीएनटी और एसपीटी एक्ट को बहाल रखेगी। सभी अनुबंध कर्मियों के हितों का हर हाल में ख्याल रखा जाएगा। झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू ने अभिभाषण में एक-एक कर नई सरकार की प्राथमिकताएं गिनाईं। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने पंचम विधानसभा के पहले सत्र में अपना अभिभाषण दिया। उम्मीद जताई कि यह विधानसभा संसदीय परम्पराओं के निर्वहन में एक नजीर बनाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू ने महागठबंधन सरकार की प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा, यह सरकार पिछली सरकार के अच्छे कार्यों को भी आगे बढ़ाएगी। सीएनटी और एसपीटी एक्ट को बहाल रखा जाएगा। सरकार हर घर के दरवाजे पर समृद्धि पहुंचाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा, राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक जवाबदेह और प्रभावी बनाया जाएगा। सभी अनुबंध कर्मियों के हितों का ख्याल रखा जाएगा। सभी भाषाओं के विकास के लिए अकादमी की स्थापना होगी। जलवायु परिवर्तन को स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रस्ताव और विधायक चंपई सोरेन के अनुमोदन पर झारखंड की पांचवीं विधानसभा ने अपना अध्यक्ष चुन लिया है। नाला सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रवीन्द्रनाथ महतो को सर्वसम्मति से स्पीकर चुना गया। महतो झामुमो के टिकट पर तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। वे 2005, 2014 तथा 2019 में झारखंड विधानसभा में सदस्य की हैसियत से सहभागी रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ झारखंड के अलग राज्य आंदोलन से भी जुड़े रहे और जेल भी गए।