नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति, एम वेंकैया नायडु ने आज वैज्ञानिक समुदाय से बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन के विकास में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों को वायरस से बचाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिये। श्री नायडु ने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान एक अखिल भारतीय ‘जन आंदोलन’ बनना चाहिये और लोगों से अपील की कि वे टीके की आवश्यक खुराक लेकर खुद को प्रतिरक्षित करें। हैदराबाद के जीनोम वैली में भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के संयंत्र का दौरा करने के बाद वैज्ञानिकों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “टीकाकरण में हिचकिचाहट के लिए कोई जगह नहीं है”। सभी से टीकाकरण कराने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा, “अपनी और अपने आसपास के लोगों की सुरक्षा के लिए इससे अधिक प्रभावी तरीका और कोई नहीं है।”.
नायडु ने एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में नेजल कोविड वैक्सीन के विकास की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह टीके से जुड़ी हिचकिचाहट को कम कर सकता है और टीकाकरण को और आसान कर सकता है।
नायडु ने कहा, यह संदेश देश के कोने-कोने में और हर घर में साफ और स्पष्ट रूप से पहुँचाया जाना चाहिये। “अब यह स्पष्ट है कि टीकाकरण से अस्पताल में भर्ती होने और संक्रमित होने पर बीमारी के गंभीर होने की संभावना कम हो रही है”, उन्होंने कहा।
उप राष्ट्रपति ने मीडिया को टीकाकरण के लाभों के बारे में जनता को शिक्षित करने की भी सलाह दी। उन्होंने चिकित्सा समुदाय से लोगों को एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए शिक्षित करने के साथ-साथ टीके से जुड़ी झिझक को दूर करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, “हम जिम्मेदार नागरिक बनें और कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करके लापरवाह तरीके से व्यवहार न करें”। उन्होंने लोगों से मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बनाने और व्यक्तिगत स्वच्छता को जारी रखने की अपील की। उप राष्ट्रपति ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और उन्हे मानने वालों से भी कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया। “जिम्मेदारी से कार्य करना हम में से प्रत्येक का कर्तव्य है। हम तीसरी लहर को आमंत्रित करने का जोखिम नहीं उठा सकते, ”उन्होंने चेतावनी दी।