नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को शीघ्र ही विश्व स्वास्थ्य के आपातकालीन यूज लिस्टिंग में जगह मिल सकती है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि अगले अगले चार से छह सप्ताह में कोवैक्सिन को लिस्ट में शामिल किया जा सकता है। डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कोवैक्सीन के ट्रायल डेटा की तारीफ करते हुए कहा कि कोवैक्सीन के परीक्षण के नतीजे संतोषजनक हैं। उन्होंने ये भी कहा कि डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन कम प्रभावशाली है, लेकिन फिर भी ये काफी अच्छी वैक्सीन है। इसका ओवरऑल एफिकेसी रेट काफी ज्यादा है। बता दें कि भारत बायोटेक ने हाल ही में दावा किया था कि कोवैक्सीन कोविड-19 के लक्षण वाले मामलों के खिलाफ 77.8 प्रतिशत और नये डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत प्रभावी है।
टीके के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण भारत के 25 स्थानों पर किए गए जिनमें दूसरी खुराक लेने के कम से कम दो सप्ताह बाद सामने आए 130 लाक्षणिक कोविड-19 मामलों का स्थिति आधारित विश्लेषण किया गया। यह टीका भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पुणे की राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। इसे हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बोयोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर तैयार किया है। गौरतलब है कि अभी भारत में चल रहे टीकाकरण के तहत तीन कोविड रोधी टीकों का उपयोग किया जा रहा है जिनमें भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया का कोविशिल्ड और रूस का स्पुतनिक वी शामिल है। टीकाकरण अभियान के अंतर्गत अभी तक देशभर में 36.48 करोड़ लोगों को टीका लगाया गया है ।














