नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आज ओडिशा के चांदीपुर तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) में एक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (एमबीआरएल) से स्वदेशी रूप से विकसित 122 मिमी कैलिबर रॉकेट के उन्नत रेंज संस्करणों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। 122 मिमी कैलिबर रॉकेट के चार उन्नत संस्करणों को लॉन्चर से सभी उपकरणों के साथ दागा गया और इस परीक्षण ने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया। इस तरह के रॉकेट भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल करने के लिए विकसित किए गए हैं और ये रॉकेट 40 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्य को भेद सकते हैं। परीक्षण के दौरान आईटीआर और प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टैब्लिशमेंट (पीएक्सई) द्वारा स्थापित किये गए टेलीमेट्री, रडार तथा इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम सहित अन्य रेंज उपकरणों द्वारा सभी गतिविधियों को ट्रैक किया था। इस रॉकेट सिस्टम को पुणे स्थित आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (एआरडीई) और हाई एनर्जी मैटेरियल्स रिसर्च लेबोरेटरी (एचईएमआरएल) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इसके निर्माण कार्य में मेसर्स इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड नागपुर की सेवाएं भी ली गई हैं। यह उन्नत किस्म की रॉकेट प्रणाली मौजूदा 122 मिमी ग्रैड रॉकेटों का स्थान लेगी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 122 मिमी कैलिबर रॉकेट के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ एवं उद्योग जगत को बधाई दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने इन सफल परीक्षणों में शामिल टीमों के प्रयासों की सराहना की है।

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