नई दिल्ली। डोजी, जोकि जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और इसके सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) द्वारा वित्त पोषित एक स्टार्ट-अप है, ‘सामान्य बिस्तर पर के रोगियों के स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण मापदंडों की संपर्क-मुक्त निगरानी’ की सुविधा प्रदान करता है। इस नवाचार की सहायता से भारत के 35 जिलों में स्टेप-डाउन आईसीयू के लिए 4,000 से अधिक अस्पताल के बिस्तरों का उन्नयन किया जा चुका है। पिछले कुछ महीनों में, डोजी द्वारा 30,000 से अधिक रोगियों की सेवा की गई है, 65,000 से अधिक नर्सिंग घंटों की बचत की गई है और अपने अग्रिम चेतावनी प्रणाली (अर्ली वार्निंग सिस्टम) के माध्यम से सही समय पर 750 से अधिक आईसीयू संबंधी स्थानान्तरण को पूरा किया है।
डोजी, अस्पताल के सामान्य बिस्तर को स्टेप-डाउन-आईसीयू में उन्नत करने के लिए आसानी से तैनात किया जाने वाला एक उपाय है। गद्दे के नीचे रखे जाने के बाद यह उपकरण बैलिस्टोकार्डियोग्राफी का उपयोग करके दिल की धड़कन और श्वसन चक्र में उत्पन्न सूक्ष्म कंपन को दर्ज करता है। यह उपकरण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम का उपयोग करते हुए इस आंकड़े को हृदय गति, श्वसन दर और रक्तचाप जैसे महत्वपूर्ण संकेतों में परिवर्तित करता है। मेडिकल-ग्रेड उत्पादों के रूप में इस उपकरण की 98.4 प्रतिशत प्रामाणिक सटीकता है। यह उपकरण एक्सेसरीज का उपयोग करके ऑक्सीजन संतृप्ति और ईसीजी से जुड़े आंकड़ों को भी दर्ज करता है। इन आंकड़ों को एक एप्प के जरिए किसी भी स्मार्ट फोन पर दूरदराज इलाकों में रहते हुए भी देखा जा सकता है। इन आंकड़ों की निगरानी एक केन्द्रीय निगरानी डैशबोर्ड पर भी की जा सकती है। डोजी में एक एआई-पावर्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम भी है जो चिकित्सकों को सक्रिय अलर्ट भेजता है, जिससे नर्सिंग स्टाफ के काम का बोझ कम होता है और रोगी की चिकित्सा से जुड़े नतीजों में सुधार होता है। यह प्रणाली रोगी को तारों या इलेक्ट्रोड से होने वाली किसी असुविधा के बगैर प्रत्येक बिस्तर पर आईसीयू-स्तर की निगरानी प्रदान करती है और इस तरह रोगियों की समग्र देखभाल में सुधार करती है।