बुधवार से दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों की तरफ से तदर्थ शिक्षकों की बहाली और उनके वेतन जारी कराने को लेकर हड़ताल की जा रही है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने हड़ताल का आव्हान किया है। डूटा के अध्यक्ष प्रो राजीब रे ने कहा कि डीयू प्रशासन की तरफ से तदर्थ शिक्षकों को बहाल किया जाए। लंबे समय से शिक्षक इसकी मांग कर रहे हैं। इन शिक्षकों को स्थायी किया जाए। इस बीच अपनी मांगों को लेकर डीयू के सभी गेट तोड़कर कुलपति कार्यालय में डूटा के कार्यकर्ता घुसे गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चार हजार से ज्यादा तदर्थ शिक्षक लंबे समय से खुद को स्थायी करने की मांग कर रहे हैं लेकिन इनकी मांगों को माना नहीं जा रहा है, इसलिए बुधवार से परीक्षाओं के संचालन में और इनकी उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षक हिस्सा नहीं लेंगे। वहीं डूटा के अन्य सदस्यों ने कहा कि डीयू प्रशासन ने 28 अगस्त को जो अतिथि शिक्षकों की भर्ती को लेकर नोटिस जारी किया था इसे वापस लिया जाए।

बता दें कि उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य भी शुरू होना है। इस हड़ताल का आह्वान डीयू शिक्षक संघ (डूटा) की ओर से किया गया है। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने किसी भी शिक्षक का वेतन नहीं रोकने का वादा करते हुए शिक्षकों से अपील की है कि वे परीक्षा और मूल्यांकन के कार्य को जारी रखें।

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