कोरोना से बचने के लिए लोगों को फेस मास्क लगाना और हाथों को सैनिटाइज करना बहुत जरुरी हो गया है। वहीं, सैनिटाइजर के उपयोग करने से लोग त्वचा रोग के शिकार हो रहे हैं। हमीदिया अस्पताल में हर रोज 15 से 20 लोग हाथ की त्वचा खराब होने की शिकायत लेकर पहुंचते हैं। इसलिए डॉक्टर लोगों को सलाह दे रहे हैं कि सैनिटाइजर का उपयोग कम से कम करें। उधर, शहर के अनेक स्थानों पर सड़क किनारे व गलियों में भी सस्ते दाम पर सैनिटाइजर बिकने लगे है। कई पानी व कैमिकल मिलाकर भी बेच रहे हैं। डॉक्टरों की मानें तो घटिया सैनिटाइजर के उपयोग से नुकसान अधिक हो सकता है। दवा विक्रेताओं ने भी आपत्ति जताकर कार्रवाई करने की मांग की है।

वहीं, कोरोना से बचने के लिए लोग बार-बार अपने हाथों पर सैनिटाइजर लगाते रहते हैं। इससे कई लोग त्वचा रोगों से परेशान हैं। कोलार निवासी नीलम जोशी ने बताया कि वह बार-बार हाथों को सैनिटाइज करती है। इससे हाथ की त्वचा रूखी हो गई है। वहीं खुजली भी चलती रहती है। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमित सोनी ने बताया कि सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा अधिक रहती है। इससे त्वचा संबंधित रोग हो रहे हैं। सस्ते दाम पर मिलने वाले सैनिटाइजर में पानी व केमिकल भी मिलाया जाता है। जो की त्वचा के लिए नुकसान दायक है। त्वचा में सूखापन व अन्य रोग हो सकते हैं। वहीं वायरस का संक्रमण रोकने में भी उतने सक्षम नहीं रहते।

बता दें की मप्र केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन ने नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन भोपाल को आवेदन देकर कार्रवाई करने की मांग की है। बताया कि प्रदेश में 28 हजार 565 दवा विक्रेता है। वे मास्क, ग्लब्स व सैनिटाइजर की उपलब्धता बनाए हुए हैं लेकिन महामारी का फायदा उठाकर कई लोग गली-गली में अल्कोहल मिश्रित अमानक सैनिटाइजर बेच रहे हैं। इसकी न तो कोई विश्वनीयता है और न ही कोई प्रमाण कि यह वायरस को खत्म करने में समक्ष है। तुरंत खरीदी-बिक्री रोकी जाए।

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