निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात में शामिल एक सदस्य ने बुधवार को राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में अफरातफरी मचा दी। अस्पताल की छठी मंजिल पर स्थित आइसोलेशन वार्ड के कमरे में भर्ती इस कोरोना संदिग्ध ने दस मिनट तक कूदने का ड्रामा किया। इस दौरान अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ नीचे पहुंच गए। बार-बार उससे अंदर जाने की अपील की गई। इसी दौरान एक डॉक्टर उसके कमरे में पहुंच गए, तब वह खिड़की से अंदर चला गया।

अस्पताल प्रशासन के मुताबिक संदिग्ध मरीज को मंगलवार सुबह यहां भर्ती किया गया था। उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं लग रही है। इस वजह से उसकी मनोचिकित्सक से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये काउंसिलिंग कराई गई है। जानकारी के मुताबिक दोपहर करीब 12:20 बजे यह संदिग्ध मरीज अपने कमरे की खुली खिड़की पर चढ़ गया। जोर-जोर से बाहर निकालने के लिए चिल्लाने लगा। ऐसा नहीं करने पर कूदने की धमकी देने लगा। उसकी आवाज सुनकर दूसरे ब्लॉक के कर्मचारी नीचे पहुंच गए। उन्होंने उसे अंदर जाने के लिए कहा। लेकिन, वह जिद पर अड़ा रहा। इसके बाद दमकल विभाग और कोरोना वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को इसकी सूचना दी गई।

इसके बाद डॉक्टर उसके कमरे में पहुंच गए। किसी तरह मान-मनौव्वल के बाद मरीज कमरे के अंदर दाखिल हो गया। लेकिन अस्पताल प्रशासन के लिए यह घटना एक चुनौती के रूप में सामने आई है। डॉक्टरों का कहना है कि हम लोग इलाज तो कर सकते हैं लेकिन दमकलकर्मी की तरह हम किसी को कूदने से बचा नहीं सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के मरीजों के कमरों में वेंटिलेशन जरूरी है। इस वजह से खिड़की को बंद नहीं किया जा सकता है। इस दौरान पूरे अस्‍पताल में अफरातफरी का महौल बन गया था।

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