बीजिंग। दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी और चीनी रवैए की वजह से चीन और कई देशों के बीच रिश्तों में खटास बढ़ते जा रही है। हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, कोरोनावायरस का फैलना हो या फिर भारत के साथ सीमा गतिरोध का मुद्दा हो, हर तरफ चीन की किरकिरी हो रही है।उधर अमेरिका और चीन के बीच आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर जंग जारी है। इसके बीच चीन ने अमेरिका के शीर्ष हथियार निर्माता कंपनी लॉकहीड मार्टिन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। बीजिंग ने यह कदम अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा ताइवान को पीएसी-3 वायु रक्षा मिसाइल करार को मंजूरी देने के जवाब में उठाया है, जिसका निर्माण यह कंपनी करती है। यह एक ऐसा कदम है जो बीजिंग और वाशिंगटन के बीच मौजूदा तनाव को और बढ़ा सकता है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा चीन मजबूती से अमेरिका द्वारा ताइवान को हथियार बेचने का विरोध करता है। हम अमेरिका का आह्वान करते हैं कि वह ‘एक चीन’ के सिद्धांत का ईमानदारी से पालन करे, ताइवान को हथियारों की बिक्री बंद करे और ताइवान के साथ सैन्य संबंधों को समाप्त करे ताकि द्विपक्षीय संबंधों को एवं ताइवान जलडमरुमध्य में शांति और सुरक्षा को और नुकसान नहीं पहुंचे। झाओ की यह टिप्पणी अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा पैट्रियॉट एडवांस्ड कैपेबिलिटी- (पीएसी-3) वायु रक्षा प्रणाली को बेचने के लिए ताइवान के पुनप्रमाणीकरण अनुरोध को स्वीकार करने के कई दिन बाद आई है। इस प्रणाली पर 62 करोड़ डॉलर खर्च आने का अनुमान है।
अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि कांग्रेस (अमेरिकी संसद) पहले ही संभावित बिक्री को अधिसूचित कर चुकी है। डीएससीए के बयान के हवाले से अमेरिकी मीडिया ने बताया कि ताइवान ने पीएसी-3 मिसाइल रक्षा प्रणाली के कुछ हिस्सों को खरीदने का अनुरोध किया था ताकि यह 30 साल के परिचालन अवधि तक काम कर सके।
लॉकहीड मार्टिक कॉरपोरेशन इस करार का प्रमुख ठेकेदार है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने लॉकहीड मार्टिन पर प्रतिबंध जवाबी कार्रवाई के तहत लगाया है। झाओ ने कहा चीन ने सभी जरूरी कदम उठाने का फैसला किया है। हम इस बिक्री के मुख्य ठेकेदार लॉकहीड मार्टिन पर प्रतिबंध लगाएंगे। विश्लेषकों का कहना है कि चीनी प्रतिबंध संकेतात्मक है क्योंकि लॉकहीड मार्टिन चीन को कोई हथियार नहीं बेचती।

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