नई दिल्ली। खुद को शक्तिशाली देश कहने वाले चीन ने अपनी गीदड़भभकी का एक और नमूना पेश किया है। चीन के लड़ाकू विमानों ने एक बार फिर से ताइवान की सीमा में घुसपैठ की हिमाकत की है। ताइवान ने गुरुवार को बताया कि चीनी एयरफोर्स के करीब 7 लड़ाकू विमान ताइवान के एयर डिफेंस आइडेन्टिफिकेशन जोन में घुस आए। हालांकि, ताइवान ने चीन की इस घुसपैठ ता मुंहतोड़ जवाब दिया। यह एक महीने में ऐसा छठी बार है, जब चीन ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में अपने विमानों को उड़ाया है। इससे दो दिन पहले यानी मंगलवार को ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि चीन ने ताइवान की तरफ 28 लड़ाकू विमान भेजे थे। एक आधिकारिक बयान में ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी विमानों की इस हिमाकत ने ताइवान की वायु सेना को ड्रैगन के विमानों को पीछा करने के लिए मजबूर किया और प्रतिक्रिया के तौर पर रेडियो चेतावनी जारी की। मुंहतोड़ जवाब देने के लिए ताइवान ने विमानों की गतिविधियों की निगरानी के लिए वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली तैनात किया। मंत्रालय के मुताबिक, इस महीने यह छठी बार था जब पीएलए के विमान ताइवान की सीमा में दाखिल हुए थे। रक्षा मंत्रालय द्वारा विधायिका को जारी एक दस्तावेज के अनुसार, ताइवान ने हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम्स और हार्पून कोस्टल डिफेंस सिस्टम्स हथियार की खरीद के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। ताइवान को ये दोनों मिसाइल मिलने के बाद उसकी विषम युद्ध क्षमता को काफी बढ़ावा दे सकता है। बता दें कि बीजिंग ताइवान पर पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है और चीन अपने वन चाइना पॉलिसी के तहत ताइवान को बीजिंग का हिस्सा मानता है। बीते दिनों सात अहम प्रजातांत्रिक देशों ने ताइवान में शांति और स्थिरता बहाल करने पर जोर दिया था। इन देशों ने ईस्ट और साउथ चाइना सी के मौजूदा हालात पर भी गंभीरता से चर्चा की थी।

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