नई दिल्ली। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश पर पूरी तरह तालिबान का कब्जा होने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बात की थी। अभी तक यह बताया गया कि अशरफ गनी ने जो बाइडेन से क्या-क्या कहा लेकिन अब पहली बार यह भी पता लगा है कि 14 मिनट लंबी चली फोन कॉल के दौरान बाइडेन ने गनी को आखिरी सलाह के तौर पर क्या कहा था। वाइट हाउस ने इस बातचीत के लीक होने पर कोई बड़ी टिप्पणी नहीं की है लेकिन प्रेस सेक्रटरी जेन साकी ने बताया है कि जो बाइडेन ने गनी को आखिरी सुझाव क्या दिया था। जेन ने कहा, ‘राष्ट्रपति जो सार्वजनकि तौर पर लगातार बोलते आए हैं, वही उन्होंने निजी तौर पर भी गनी से कहा। बाइडेन ने गनी से कहा था कि आप अगुवाई करें और अपने देश को दिखा दें कि उनके नेता तालिबान के खिलाफ जंग जारी रखने को तैयार हैं। वे अमेरिकी सेना की वापसी के बाद भी अपने सुरक्षाबलों को जंग जारी रखने का हौसला दें। रॉयटर्स के मुताबिक अशरफ गनी और बाइडेन के बीच आखिरी फोन कॉल 23 जुलाई को हुआ था। हालांकि, खबर के मुताबिक दोनों नेताओं की बातचीत से यह संकेत मिलते हैं कि उस समय न तो बाइडेन और न ही गनी को इस बात का अंदेशा था कि अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा इतनी जल्दी हो जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, अशरफ गनी को भनक लग गई थी कि तालिबान को खड़ा करने के लिए पाकिस्तान अपनी जी-जान लगा रहा है। गनी ने बाइडेन को यह भी बताया था कि अफगान पर बड़ा आक्रमण होने वाला है और करीब 10 से 15 हजार पाकिस्तानी आतंकवादी भी इसमें शामिल थे। बातचीत के दौरान बाइडेन जहां अफगानिस्तान को हवाई हमले में मदद की बात कर रहे थे तो वहीं गनी तेजी से एक्शन उठाए जाने की बात कर रहे थे। तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के साथ ही अफगानिस्तान पर अपना नियंत्रण कर लिया।अफगान सरकार के कर्मचारी और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के साथ ही कई लोग लगातार तालिबान को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान पर उंगली उठाते रहे हैं। हालांकि, पाकिस्तान भी लगातार इन दावों को खारिज करता आया है।

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