इस्‍लामाबाद। अफगानिस्‍तान में तालिबान की हुकूमत आने पर पाकिस्तान के हुक्मरान खुशिया मना रहे है। इमरान खान सरकार की पार्टी पीटीआई की एक नेता ने कश्‍मीर को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। नीलम इरशाद शेख ने कहा कि तालिबान पाकिस्‍तान के साथ है। तालिबान आएंगे और कश्‍मीर को जीतकर उसे पाकिस्‍तान को देंगे। नीलम ने यह विवादित बयान पाकिस्‍तान के बोल टीवी के एक डिबेट में दिया जिसे लंबे समय से माना जाता है कि इसके पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से गहरे संबंध है। नीलम ने कहा कि इमरान सरकार बनने के बाद पाकिस्‍तान का मान बढ़ा है। तालिबान कहते हैं कि हम आपके साथ हैं और इंशा अल्‍लाह वे हमें कश्‍मीर फतह करके देंगे। एंकर ने जब उनसे पूछा कि तालिबान आपको कश्‍मीर देंगे, यह किसने आपसे कहा। इस पर नीलम ने कहा, ‘भारत ने हमारे टुकड़े किए हैं और हम फिर जुड़ जाएंगे। हमारी फौज के पास पावर है, सरकार के पास पावर है। तालिबान हमारा साथ दे रहे हैं क्‍योंकि जब उनके साथ ज्‍यादती हुई तो पाकिस्‍तान ने उनका साथ दिया था। अब वो हमारा साथ देंगे।’
नीलम का यह बयान ऐसे समय पर आया है पाकिस्‍तान पर तालिबान आतंकियों की खुलकर मदद करने के आरोप लग रहे हैं। अफगानिस्‍तान में जंग के दौरान हजारों की संख्‍या में आतंकी पाकिस्‍तान के कबायली इलाके से अफगानिस्‍तान में गए। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्‍तानी सेना और आईएसआई की मदद से अफगानिस्‍तान में एक बार फिर से तालिबान राज आ गया है। अमेरिका ने 9/11 हमले के बाद अफगानिस्‍तान की सरजमीं पर हमला बोला था। इस दौरान अमेरिका ने तालिबान और अलकायदा के खात्‍मे के लिए पाकिस्‍तान से मदद ली। वहीं इसके बदले में अमेरिका ने वर्ष 2002 से वर्ष 2018 के बीच में 33 अरब डॉलर की भारी भरकम आर्थिक मदद पाकिस्‍तान को दी। इसमें 14.6 अरब डॉलर की सहायता तो केवल पाकिस्‍तानी सेना को दी गई। इतना पैसा खाने के बाद भी पाकिस्‍तानियों ने अमेरिका के पीठ में छूरा घोप दिया और अफगानिस्‍तान में एक बार फिर से तालिबान का कब्‍जा हो गया है। एक लेख में चर्चित स्‍तंभकार सदानंद धूमे कहते हैं कि इन करीब 16 वर्षों के दौरान पाकिस्‍तान ने यह सुनिश्चित किया कि अमेरिका का अफगानिस्‍तान प्रोजेक्‍ट फेल हो जाए। इसके लिए पाकिस्‍तान ने तालिबान आतंकियों को शरण दिया, उन्‍हें प्रशिक्षण और हथियार मुहैया कराया। उन्‍होंने कहा कि 20 करोड़ की आबादी वाला पाकिस्‍तान एक परमाणु हथियार संपन्‍न राष्‍ट्र है और पड़ोसी देश में तालिबान राज आने पर वहां पर कई लोगों ने जश्‍न मनाया।

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