मदरलैंड संवाददाता, बगहा
पश्चिमी चंपारण जिले की वाल्मीकिनगर गंडक बराज से पूरे बिहार तक तिरहुत मुख्य नहर से किसानों की फसलों की पटवन के लिए  लगभग 50से 60 के दशक में नहर का निर्माण कराया गया था। जिसके दौरान नहर के उत्तरी छोर पर हजारों किसानों के फसलों को बाढ़ के पानी से बचाने के लिए गंडक विभाग ने निचले इलाकों में साइफन (बुनियाद) का निर्माण कराया। इसके दौरान साइफन की स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि देखने में ही लोग सहम जाते हैं। इतना ही नहीं तिरहुत मुख्य नहर में बगहा एक प्रखंड के भतौड़ा, बड़गांव पिपरिया डुमरिया आदि स्थानों पर बने साइफन में मिट्टी तथा घास फूस से पूरा साइफन जाम हो चला है। जिसके चलते पानी की निकासी बिल्कुल अवरुद्ध हो गया है। जिस पर हजारों एकड़ भूमि के फसलों पर इसका सीधा असर पड़ता है। जिसके चलते किसान कंगाल बनते जा रहे हैं। हरहा नदी की सफाई नहीं होने के कारण हजारों एकड़ जमीन पटवन एव बाढ़ से ग्रसित
निरहूत मुख्य नहर के अगल-बगल गांव की बरसात के दिनों में बाढ़ की समस्या बनी रहती हैं कारण है की बरसात का पानी की निकासी नहीं है हजारों एकड़ जमीन की फसल के नुकसान के साथ-साथ कई गांव पर खतरा मंडराने लगता है तिरहुत मुख्य नहर के आरडी नंबर 11,15 ,52 पर 12 मोरी की पानी निकासी जाम होने एवं  शुलिस गेट ध्वस्त हो जाने से समस्या उत्पन्न हो गया है ।जो हरहा नदी के पानी बरसात के दिनों में तूफान मचा देता है। अगर उसका सफाई नहीं होगा तो स्थिति गंभीर बन सकती है। साथ ही शूल्स गेट की अगर मरम्मत हो जाता है तो किसानों की जमीन का पटवन भी हो सकता है।इसपर पूर्व में अवर प्रमंडल पदाधिकारी जल निस्सरण अनुसंधान प्रमंडल जोगापट्टी बेतिया द्वारा निरीक्षण भी किया जा चुका है। इनके द्वारा किसानों के पटवन हेतु कोल्हुआ चौतरवा चंदरपुर वाकिया के किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु पूर्व से बने हुए ब्रिज का प्रकरण तैयार करने के दिशा में आवश्यक सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके बन जाने से हजारों किसानों की जमीन सिंचाई की जा सकती हैं ।ऐसी जानकारी मिली है कि प्रधान सचिव की आदेश के आलोक में प्रकरण तैयार की दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जा रही हैं। अगर वही कार्य पूरा नहीं होगा तो बाढ़ एवं पटवन की समस्या हरदम बनी रहेगी। इस बिभिषिका में पिपरिया छोटकी पट्टी बड़गांव बेलावा डुमरिया, डुमरिया पचफेडवा आदि दर्जनों गांवों के  किसानों के उपर खतरा बरसात के दिनों में मंडराता रहता है ।इसके दौरान  मोहन मिश्रा, उदयभान सिंह, राजन मिश्रा, लालबाबु पांडे, शिवप्रताप मॉल गांधी सिंह, मंटू पांडेय, विनोद कुमार सिंह, अमित पांडेय, बबलू पांडेय, बृज लाल यादव, मझिल दीक्षित, जय प्रकाश चौधरी, लालबाबु यादव, विनोद यादव, बच्चा मल, रूद्र प्रताप मल, राम स्वार्थ महतो, राजेश्वर पटेल आदि दर्जनों किसानों का कहना है कि अगर विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया गया तो होम शॉप ऐसी खतरा से वंचित नहीं होंगे । अब देखना है कि किसानों के प्रति सरकारी मशीनरी किस तरह से कार्य करती है।
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