राजधानी की तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसा के बाद पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच तल्खियां बढ़ गई हैं। सोमवार को वकीलों द्वारा सभी जिला अदालतों में कामकाज बंद करने के बाद अब पुलिस विभाग भी विरोध में उतर आया है। मंगलवार को पुलिसकर्मियों ने पुलिस हेडक्वॉर्टर (PHQ) के बाहर काली पट्टी बांधकर विरोध व्यक्त किया।
वकीलों के विरुद्ध प्रदर्शन
पुलिस के जवान हेडक्वार्टर के बाहर हाथ में काली पट्टी बांधकर पहुंचे और वकीलों के विरुद्ध प्रदर्शन किया। जवानों का कहना है कि हमारे साथ ज्यादती हो रही है। उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करेंगे और कमिश्नर के सामने अपनी बात रखेंगे। दरअसल तीस हजारी कोर्ट मामले में डिपार्टमेंट की एक तरफा कार्यवाही से हर कोई खफा नज़र आ रहा है। कई पुलिसकर्मी अपने सीनियर अफसरों से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि जिन पुलिसकर्मियों को दोषी बताया जा रहा है, उन्होंने कानून में रहते हुए अपना कर्तव्य निभाया है, लेकिन ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई होना निंदनीय है।
डीसीपी मैडम को बचाने के चक्कर में बुरी तरह घायल हुआ पुलिसकर्मी
वहीं हिंसा में घायल हुए एक पुलिसकर्मी ने बताया है कि उसका कंधा टूटा हुआ है, सिर में तीन टांके आए हैं और कलाई में भी चोट आई हैं। घटना के समय नॉर्थ डीसीपी मोनिका भारद्वाज से ही वकीलों ने काफी बदसलूकी की थी। जख्मी पुलिसकर्मी ने रोते हुए कहा कि उसका नौकरी से मन उठ गया है। जिस समय वह बेहोश पड़ा था तब भी उसके मुंह पर लातें मारी गई। डीसीपी मैडम को बचाने के चक्कर में वह बुरी तरह से घायल हो गया। किन्तु दुख इस बात यह है कि डिपार्टमेंट की तरफ से किसी ने उसकी सुध तक नहीं ली। वह जिंदा है या मर गया है किसी को कोई मतलब नहीं।