दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच जारी तनातनी के बाद दिल्‍ली पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका एक वकील ने दाखिल की है। याचिका में पूरे विवाद की SIT जांच की मांग की गई है और प्रदर्शनकारी पुलिस वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की भी गई है। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश पहले ही दे चुका है।

केंद्र सरकार के संविधान पर हमला हुआ है..
इससे पहले गुरुवार को एसोसियेशन के सचिव और दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त जयपाल सिंह ने मीडिया को बताया कि, हमला खाकी पर और कानून पर नहीं, बल्कि केंद्र सरकार और संविधान पर हुआ है। दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के आधीन है। ऐसे में इसे केवल हवलदार सिपाहियों के पीटे जाने तक ही सीमित रखकर कोई भी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता।

यदि पुलिस सब्र तोड़ देती, तो हालात और बिगड़ जाते..
गुरुवार को बात करते हुए एसोसिएशन के सचिव और दिल्ली पुलिस के पूर्व ACP जयपाल सिंह ने मीडिया को बताया कि, कानून और सरकार की रक्षा में पुलिस वालों ने तीस हजारी कोर्ट में जो कुछ किया और जिस सब्र से अपने आप पर झेल लिया, वो काबिले तारीफ था। हां लेकिन इस सब्र को पुलिस की कमजोरी नहीं, सब्र ही मानकर देखना होगा। यदि पुलिस भी उस दिन सब्र तोड़ देती तो हालात और भी बिगड़ सकते थे।

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