दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को पुलिस और वकीलों के बीच भड़की हिंसक झड़प का स्वतः संज्ञान लिया है। अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया और उच्च न्यायालय सहित सभी जिलों के बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को छह सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

इस मामले में चार एफआईआर दर्ज
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और सी हरि शंकर की पीठ ने शाम तीन बचे दोबारा से सुनवाई आरंभ की। अदालत ने पुलिस से पूछा कि अब तक इस मामले में कितनी प्राथमिकी दर्ज हुई है। इस पर पुलिस की ओर से पेश हुए राहुल मेहरा ने बताया कि इस मामले में कुल चार एफआइआर दर्ज की गई है। राहुल मेहरा ने अदालत को बताया कि शनिवार को हुए हिंसक झड़प में 21 पुलिसकर्मी, 8 वकील जख्मी हो गए हैं। घायलों में एडिशनल डीसीपी और दो एसएचओ शामिल हैं। हिंसक झड़पों में 14 बाइक, पुलिस की जिप्सी, और आठ कैदी वाहन को जला दिया गया है। पुलिस की ओर से बताया कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।

वकीलों और पुलिस के बीच मारपीट का मामला
इससे पहले इस मामले को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में अदालत के जजों के साथ पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक की बैठक हुई। बैठक के बाद निर्णय किया गया कि वकीलों और पुलिस के बीच मारपीट के मामले की अदालत सुनवाई करेगी। वहीं एडिशनल जज पिंकी ने रविवार को घटनास्थल का मुआयना किया। तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद रविवार को लगने वाली लोक अदालत भी निरस्त कर दी गई है।

Previous articleदिल्ली में बरपा प्रदूषण का कहर
Next articleपूर्णिया : छठ पर्व का उल्लास मातम में बदला, नदी में डूबने से 4 लोगों की मौत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here