लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव समेत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 92 नेताओं के खिलाफ लॉकडाउन के नियम तोड़ने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने रविवार को बताया कि ये लोग एक विरोध प्रदर्शन में गोपालगंज जाने के लिए हाल ही में लॉकडाउन के बावजूद एकत्र हुए थे। वहीं, राजद का कहना है कि वह एक पार्टी समर्थक के परिवार पर हुए हमले के विरोध में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रदर्शन करना चाहते थे। इस मामले में जदयू के एक विधायक का नाम लिया जा रहा है। यह एफआईआर आईपीसी की आरा 188, 269 व 270 और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत दर्ज की गई है।

अपने बयान में सचिवालय पुलिस थाने के एसएचओ मितेश कुमार ने बताया कि मामले में 32 लोगों के खिलाफ नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ये लोग राबड़ी देवी के आवास पर शुक्रवार को एकत्र हुए थे जहां तेजस्वी यादव ने सभी पार्टी विधायकों को गोपालगंज जाने के लिए बुलाया था। मितेश कुमार ने बताया कि राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी के अलावा इस एफआईआर में राबड़ी के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और अब्दुल बरी सिद्दीकी का नाम भी है। दोनों विधायक हैं और पूर्व में मंत्री रह चुके हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि तेजस्वी यादव ने गोपालगंज में हुए तिहरे हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने की इच्छा जताई थी। इस मामले में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के एक विधायक का का नाम आरोपी के तौर पर लिया जा रहा है। इसके अलावा इस मामले में जदयू विधायक के भाई और भतीजे की गिरफ्तारी हो चुकी है। वही, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया की जदयू विधायक पप्पू पांडेय की इस मामले में गिरफ्तारी इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बचा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अगर आरोपी विधायक की गिरफ्तारी नहीं होती है तो वह गोपालगंज के लिए जाएंगे।

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