- इमारत का एक हिस्सा गिरा
- १६ मछुआरों और २२ लोगों की बची जिंदगी
मुंबई। मुंबई एवं इसके आस-पास के जिलों में सोमवार शाम से मूसलाधार बारिश हो रही है. भारी बारिश के साथ ही तेज गति से चली हवाओं के कारण मुंबई में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. खासकर बुधवार शाम से ही बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. हालत बाद से बदत्तर होते जा रहे हैं. बारिश के बीच तूफानी हवाओ ने मानो पूरी मुंबई और ठाणे जिले को हिला कर रख दिया है. जगह-जगह पेड़ गिर रहे हैं और सड़कों पर वाहनों का लंबा जाम लग रहा है. आलम यह है कि चारों तरफ बाढ़ जैसे हालत उत्पन्न हो गए हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई है. भारी बारिश के चलते बुधवार को तो लोकल ट्रेन, बस सर्विस और दफ्तर भी बंद कर दिए गए. बुधवार को बारिश और हवा ने अपना रौद्र रूप दिखाया. मुंबई के चर्चगेट इलाके में करीब ३० पेड़ एक साथ गिर गए, जिसके कारण रास्ता पूरी तरह से जाम हो गया है. मनपा की ओर से इन्हें हटाने का काम जारी है. वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों को घर के अंदर रहने और केवल आवश्यक काम पर ही बाहर जाने की अपील की है. वहीं मुंबई के मरीन ड्राइव इलाके में गुरुवार दोपहर दो बजे हाईटाइड आई. इस दौरान समुद्र की ऊंची-ऊंची लहरें किनारों से टकराईं. दरअसल पिछले तीन दिनों से तेज हवा के साथ भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण हर जगह पानी ही पानी नजर आ रहा है. जलभराव के कारण कई स्थानों पर आवामगन ठप पड़ा हुआ है. बारिश के कारण जमीन का कटाव हुआ है और इस कारण कुछ इमारतों का ढांचा कमजोर हुआ है. गौरतलब हो कि मुंबई में मानसून के दौर में भारी बारिश होना आम बात है. अगस्त माह की बात करें तो सप्ताह के पहले पांच दिनों में इस माह की कोटे की ६४ प्रतिशत बारिश दर्ज हो चुकी है. दक्षिण मुंबई का कोलाबा क्षेत्र, जहां गेटवे ऑफ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित स्थान शामिल हैं, में बुधवार को 46 वर्षों में अगस्त में एक दिन की सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई. बारिश के कारण लगभग हर कहीं सड़कों पर वाहन रेंगते हुए दिखाई दिए. उधर मुंबई के मरीन ड्राइव इलाके में मौजूद इस्लाम जिमखाना, पारसी जिमखाना का ग्राउंड नदी में तब्दील हो चुका है. साथ ही मरीन ड्राइव स्टेशन जाने वाले रास्ते पर भी पानी भरा हुआ है. यह सभी मंजर कल मुम्बई में पैदा हुए हालात को बता रहे हैं. दोनों जिमखाना का ग्राउंड नदी में तब्दील हो चुका है और कमर तक पानी भरा हुआ है. इतना ही नहीं, पानी जिमखाना के अंदर तक पहुंच चुका है. पानी मे बैरिकेडिंग, पेड़ बड़ी संख्या में गिरे हुए हैं. मुंबई महानगरपालिका प्रशासन के अनुसार दक्षिणी मुंबई के कुछ इलाकों में अब भी जलभराव की स्थिति है, जबकि शहर और उपनगर के अन्य हिस्सों में जलभराव कम हुआ है.
इमारत का एक हिस्सा गिरा
इस समय मुंबई बारिश का कहर झेल रही है. इस बीच दादर के प्रभादेवी स्थित सायानी रोड पर जयप्रभा नाम के इमारत का एक हिस्सा बारिश के चलते भरभराकर गिर गया जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. बताया गया है कि पहले से ही क्षतिग्रस्त इमारत का ऊपरी हिस्सा देखते ही देखते भरभराकर ढह गया. राहत की बात यह रही कि हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
१६ मछुआरों और २२ लोगों की बची जिंदगी
मुंबई की मैरीटाइम रेसेक्यू कॉर्डिनेशन सेंटर 16 मछुआरों की जिंदगी बचाने में सफल रहा. एमआरसीसी ने मुंबई से ७० किलोमीटर दूर ठाणे के पास अरब सागर में फंसे इन मछुआरों को बचाया. उधर पालघर में भी तेज बारिश के कारण करीब 22 लोग फंस गए थे, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने ऑपरेशन चलाया और सभी को बचाया. राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ट्वीट कर पालघर पुलिस की तारीफ की.
एनडीआरएफ की ८ टीमें तैनात
तीन दिनों से मुंबई एवं इसके आस-पास के जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण उपजी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 16 टीमें तैनात की गई हैं. इनमें से 5 मुंबई में तैनात हैं. 1-1 टीम ठाणे, पालघर, रायगढ़ में तैनात की गई हैं.
जब लोकल ट्रेनों में फंस गए यात्री
बुधवार शाम करीब ४ बजे तेज बारिश के चलते मध्य रेलवे की दो लोकल ट्रेनें सीएसएमटी और सेंडहर्स्ट रोड स्टेशन के बीच पटरियों पर पांच फुट पानी में फंस गई थी. एक लोकल ट्रेन मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से कर्जत जा रही थी जबकि दूसरी ट्रेन मुंबई सीएसएमटी की ओर जा रही थी। इन दोनों ट्रेनों में कुल २९० यात्री फंस गए थे. सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने संयुक्त अभियान चलाकर सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया. यह अभियान रात 10 बजे तक चला.