कोरोना वायरस के प्रकोप ने भारत के हर राज्य को प्रभावित किया है जिसे रोकने के लिए पीएम मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन किया है। वही, त्रिपुरा में नॉवेल कोरोना वायरस का काला साया तो है ही साथ ही बुधवार को हुए मूसलाधार बारिश ने राज्य के जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। राज्य भर के आधे जिले में शाम को हुए प्रकृति के प्रकोप से करीब 5000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है। कुछ पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं तो कुछ को आंशिक रूप से क्षति पहुंची है। भारी संख्या में पेड़-पौधों को भी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन इस नुकसान का आकलन कर रही है।
त्रिपुरा में बारिश का कहर
बता दें कि, लॉकडाउन व शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए त्रिपुरावासी जहां पहले से ही कोरोना वायरस से जंग कर रहे हैं वहीं आज तेज आंधी के साथ ओलावृष्टि, और मूसलाधार बारिश ने उनपर तगड़ा कहर बरपाया है। गुरूवार सुबह राज्य मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने राज्य के प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित जनता के बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा भी लिया। सिपाहीजला जिला के विभिन्न इलाकों का जायजा लेने के साथ मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद जनता से बातचीत की है। इसके अलावा उन्होंने तत्काल राहत के लिए कुछ इलाकों में जनता के बीच धनराशि का भी वितरण किया है।
बचाव एवं राहत कार्य में तेजी लाने का आदेश
वायरस और प्रकृति आपदा के बीच मुख्यमंत्री ने बुधवार रात को ही सूबे के मुख्य सचिव मनोज कुमार को प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य में तेजी लाने का आदेश दिया था। उन्होंने प्रभावित जिलों के डीएम से भी बातचीत की। राज्य के सिपाहीजला और खोवाई जिले में ओलावृष्टि, आंधी और मूसलाधार बारिश से अधिक नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन के अनुसार सिपाहीजला जिला में विभिन्न स्थानों पर 17 राहत कैंप बनाए गए हैं। इनमें 4200 लोगों को रखा गया है।