परियोजना के लिए शासन ने भेज दी सैद्धांतिक सहमति
भोपाल। अगर सबकुछ योजना के अनुरुप रहा तो मध्यप्रदेश के कुनो पालपुर अभ्यारण्य में दक्षिणी अफ्रीका के चीते भ्रमण करते हुए नजर आएंगे। कूनो पालपुर में दक्षिणी अफ्रीका में पाए जाने वाले बीस चीतों को बसाने के लिए प्रदेश सरकार तैयार हो गई है। राज्य शासन ने परियोजना के लिए मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक को सैद्धांतिक सहमति भेज दी है। अब वाइल्ड लाइफ मुख्यालय प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजेगा। इससे केंद्र सरकार सहमत हुई, तब वन विभाग नामीबिया (दक्षिणी अफ्रीका) से चीता लाने की रणनीति बनाएगा।
मध्य प्रदेश में अफ्रीकी चीता बसाने की टोह
इसमें आठ महीने से ज्यादा लग सकते हैं। मध्य प्रदेश में अफ्रीकी चीता बसाने की टोह लेने सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीआईसी) की सब कमेटी ने 23 नवंबर से तीन दिसंबर तक कूनो पालपुर (श्योपुर), माधव नेशनल पार्क (शिवपुरी), गांधी सागर (नीमच-मंदसौर) और नौरादेही अभयारण्य (सागर) का निरीक्षण किया था। कमेटी को चारों संरक्षित क्षेत्रों में चीता के अनुकूल वातावरण मिला, पर बब्बर शेर परियोजना के लिए तैयार कूनो पालपुर सबसे ज्यादा पसंद आया, क्योंकि यहां चीता के लिए सभी जरूरी प्रबंध हैं। बस, घास मैनेजमेंट करना है।
इन्हीं तथ्यों के साथ कमेटी ने पिछले माह राज्य शासन
इस हिसाब से कूनो पालपुर में चीता बसाने में सबसे कम खर्च आएगा। इन्हीं तथ्यों के साथ कमेटी ने पिछले माह राज्य शासन को रिपोर्ट भेजते हुए सहमति चाही थी। 14 जनवरी 2021 को आयोजित स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कह दिया था कमेटी जो स्थान उपर्युक्त मानती है, वह दिया जाएगा। भारत सरकार ने 2010 में चीता परियोजना मंजूर की थी। इसके तहत नामीबिया से चीते लाए जाने हैं। केंद्रीय स्तर पर प्रस्ताव मंजूर होने के बाद भारतीय वन्यजीव प्रबंधन संस्थान देहरादून के वैज्ञानिक रणनीति तैयार करेंगे।
केंद्र सरकार अफ्रीका से पहली ही बार में 20 से ज्यादा चीते
वे चीतों को सुरक्षित भारत लाकर कूनो तक पहुंचाने की प्रक्रिया तय करेंगे। उसके हिसाब से राज्य सरकार तैयारी करेगी। केंद्र सरकार अफ्रीका से पहली ही बार में 20 से ज्यादा चीते लाने पर विचार कर रही है। उन्हें भारत लाकर दो या तीन संरक्षित क्षेत्रों में बसाया जाएगा। पहले तीन साल तक हर साल 10 चीते लाने की योजना थी। इस बारे में वन विभाग के मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक आलोक कुमार का कहना है कि राज्य सरकार ने कूनो में चीता बसाने की सैद्धांतिक सहमति दे दी है। हम केंद्रीय वन मंत्रालय को प्रस्ताव भेज रहे हैं। वहां से मंजूरी मिलते ही चीता लाने की रणनीति बनाई जाएगी।
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