मदरलैंड संवाददाता,
दारौंदा(सीवान) ।जहां लॉक डाउन के चौथे चरण में प्रदेश के विभिन्न जगहों से आ रहे प्रवासी मजदूरों को सरकार द्वारा चलाए जा रहे सभी समुचित व्यवस्था का लाभ नहीं मिल रहा है। जिससे कुछ मजदूरों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए बताया कि हम लोग रात्रि 10:00 बजे से आए हैं लेकिन सुबह 12:00 बजे तक कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है, ना ही रहने की और ना ही क्वॉरेंटाइन सेंटर जाने की व्यवस्था हुई है।जिससे हम लोग बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे इन समुचित व्यवस्था के लाभ से वंचित रह रहे हैं और पदाधिकारी लूट खसोट करने में लगे हैं।जिससे हम लोग 14-15 दिन का पैदल प्रदेश से सफर कर अपने घर को लौटे हैं और यहाँ के पदाधिकारियों द्वारा हम लोगों से तरह तरह की बदसलूकी की जाती है।यहां तक कि क्वॉरेंटाइन सेंटर भी जाने के लिए इतनी कड़ाके धूप में बगैर खाए पिए कोसों दूर पैदल ही भेजा जा रहा है। पदाधिकारी प्रवासी मजदूरों का हक मार खाने में जुटे हैं। यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि कोई भी किसी प्रकार का सहायता नहीं कर रहे हैं।इन पदाधिकारियों पर जांच नहीं कर रहे हैं, सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि कुछ प्रवासी मजदूर आंध्र प्रदेश से आए थे जो कि उन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार के गुण गाए और बताया कि आंध्र सरकार ने हम लोगों को बिहार सरकार का अपेक्षा बहुत सारी सुविधाएं मुहैया कराया है हम लोग को दो समय अच्छी तरह खाना पानी समय से दे रही थी। लेकिन जब हम अपने धरती को लौटे तो हम लोग बिहार सरकार द्वारा सभी समुचित व्यवस्था से वंचित रह जा रहे हैं। आखिर इसमें राज क्या है। यह तो वरीय पदाधिकारी के जांच के बाद ही पता चलेगा कि इन भयानक महामारी में मजदूरों का हक अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं दिया जा रहा है, अगर राज्य सरकार के पास इन मजदूरों को रखने खाने की समुचित व्यवस्था उपलब्ध करा रही है तो इन प्रखंड अधिकारियों द्वारा उनका हक पूरा और समय से क्यों नहीं दिया जा रहा है।दिन पर दिन दरौंदा प्रखंड का हाल बिगड़ते जा रहा है।वहीं कुछ ही दिन पहले दरौंदा प्रखंड के बागौरा राजकीय मध्य विद्यालय में प्रवासी मजदूरों को समय से खाना नहीं मिल रहा था साथ ही कांची रोटी दी गई थी जिसको लेकर प्रवासी मजदूरों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर घंटों नारेबाजी किए थे।एक दिन की भूख हड़ताल किए थे।जिसकी सूचना मिलते ही डिप्टी कलेक्टर अनुराधा कुमारी घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच की और प्रखंड अधिकारी को फटकार लगाई जिसके बाद प्रवासी मजदूरों को समय से खाने-पीने मिलने लगा जिसके ठीक दो ही 3 दिन बाद कोडारी कला पंचायत के कोडारी राजकीय मध्य विद्यालय पर प्रवासी मजदूरों के खानों में भयानक कीड़ा तिलचट्टा मिला जो कि मात्र मनुष्य के शरीर पर चलने से ही मनुष्य के शरीर का चमड़ा जल जाता है और काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आखिर जब मजदूरों के सब्जी में कीड़ा मिला और जब मजदूरों के पेट तक जाएगी वह सब्जी तो क्या मजदूरों की हानि नहीं होगी।आखिर इन सभी दर्दनाक घटनाओं का जिम्मेदार कौन होगा।जो लोग सरकार के आदेशों को मानकर 14 दिन को क्वारन टाइन में रहकर अपने को सुरक्षित और समाज को सुरक्षित रखना चाहते हैं उनके साथ इतना दुर्व्यवहार क्यों किया जा रहा है।वही प्रखंड विकास पदाधिकारी रीता कुमारी द्वारा पूछने पर बताया जा रहा है कि प्रवासी मजदूर काफी संख्या में आ रहे हैं जिससे व्यवस्था में थोड़ा समय लग रहा है और मजदूरों को हल्की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इसे शीघ्र ही पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।