मदरलैंड संवाददाता, बेतिया

आज देश में कोरोना वायरस से ज्यादा खतरा भूख का बढ़ गया है । आपके हठधर्मिता के चलते बगैर कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए लॉक डाउन लग गया। उक्त बातों की जानकारी देते हुए भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्कसवादी) सदस्य बिहार राज्य सचिव मंडल के प्रभुराज नारायण राव ने बताया कि लाखों मजदूर जो भूख की शांति के लिए घर छोड़कर हजारों मील दूर ठोकरें खा रहे हैं। कारोबार बन्द होने के चलते भूख के मारे मजदूर और उनके छोटे छोटे बच्चें,औरतों को घर के अलावा दूसरा विकल्प नजर नहीं आ रहा है। आपके द्वारा नहीं बल्कि राज्यो के द्वारा भोजन, रहने या अन्य चिकित्सकीय व्यवस्था कम पड़ गया। कुछ समझ न आने की स्थिति में लोग  एंबुलेंस, ट्रकों को मनमाने भाड़े देकर, कुछ अपनी गाड़ी एवं बाइक या पैसे के अभाव में पैदल ही घर की ओर चल दिए। रास्ते में भूख से मौत , बीमारी से मौत, गिरने और माल ट्रेनों से कटकर मरने वालों की संख्या कोरोना से मरने वालों से कहीं ज्यादा होती जा रही है। प्रधानमंत्री जी इसका जबाव देह आपके अलावे और किसको माना जाय ? प्रधानमंत्री अपने देश के साथ घोर अपराध किए हैं। जब 12 जनवरी को ही अमेरिका में कोरोना के पहुंचने की जानकारी मिल गई थी तो  हवाई जहाज से अमेरिका से गुजरातियों को भारी संख्या में अहमदाबाद बुलाकर  देश में फैलाया गया। अगर नमस्ते ट्रंप करके झूठी शान वो शौकत बढ़ाने को न सोची होती, ट्रंप हमारा दोस्त है, कहलाने की प्रबल इच्छा न रही होती तो देश आज  इस हाल में कत्तई न होता। क्योंकि तब तक 24 फरवरी गुजर गए । आज गुजरात तेजी से  कोरोना के पहले पायदान पर जाने का छलांग लगा रहा है। मोदी जी नमस्ते ट्रंप , दिल्ली दंगा और मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने के  खेल में न फंसे होते तो 12 जनवरी को ही योजना बनाकर एक सप्ताह का समय देकर सभी प्रवासी मजदूर व् छात्रों को अपने अपने घर पहुंचा दिया गया होता तो आज यह दुर्दिन देखने को न मिलता। प्रधानमंत्री जी जनता ही देश होती है । सबकुछ हार चुके लोगों की हीं यह देश है। आप उनके खाने के लिए 6 महीने की । मुफ्त  व्यवस्था, मृतकों के परिवार को 20 लाख  रुपए मुआवजा , 10 हजार रु सबको तात्कालिक व्यवस्था तथा मुफ्त इलाज की भी अविलंब ब्यावस्था करें।

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