दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज गुरुवार को वर्तमान एकेडमिक सत्र में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की आरक्षण नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और JNU प्रशासन को जवाब देने के लिए कहा है। एक NGO ने यह याचिका दाखिल की है और आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी विभिन्न श्रेणियों में विकलांग छात्रों के लिए 5 फीसद अनिवार्य आरक्षण नहीं दे रहा है।

इससे 2 दिन पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने ओबीसी श्रेणी के लिए लागू 27 फीसद आरक्षण को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केंद्र सरकार और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था। अदालत ने प्रतिवादियों को हलफनामा दाखिल करने के लिए 2 हफ्ते का वक़्त दिया है उच्च न्यायालय ने एक याचिका को लेकर शपथपत्र दाखिल करने के लिए भी कहा, जिसमें केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों, विशेष रूप से JNU में पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में ओबीसी श्रेणी से संबंधित अभ्यर्थियों को 27 फीसद आरक्षण के प्रावधान को चुनौती दी गई है।

सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि जब उक्त हलफमाना दाखिल किए जाएंगे तब वह इस मामले की विस्तार से जांच करेगा। अदालत ने प्रतिवादियों को हलफनामा दायर करने के लिए 2 हफ्ते का वक़्त दिया। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (HRD) ने ओबीसी आरक्षण संबंधी प्रावधान वाला 20 अप्रैल, 2008 को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया गया था। याचिका के माध्यम से दिल्ली उच्च न्यायालय में इसी प्रावधान को लेकर चुनौती दी गई।

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