- जलभराव से लोग परेशान
नई दिल्ली। इस बार जाते मानसून रवानगी की बेला में भी झमाझम जारी है। दक्षिण पश्चिम मानसून सत्र आधिकारिक रूप से एक जून से प्रारंभ और 30 सितंबर को समाप्त माना जाता है। शनिवार सुबह भी दिल्ली-एनसीआर में तेज हवा के साथ बारिश की शुरुआत हुई। जबकि मौसम विभाग के आकलन के अनुसार अगस्त में मानसून कमजोर पड़ गया था। राजधानी में हमेशा की तरह सड़कों पर पानी भरा नजर आ रहा है।
राजधानी दिल्ली में भारी बारिश के बाद सड़कों पर जलभराव के बीच बसें फंस गई हैं। मौसम विभाग ने सुबह 4.30 बजे ट्वीट के जरिए दिल्ली-एनसीआर और इसके आस-पास के इलाकों में तेज हवा के साथ भारी बारिश की संभावना जताई। मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में तेज हवा चलेगी जिसकी स्पीड 20-40 किमी होगी। दक्षिण पश्चिम मानसून सत्र आधिकारिक रूप से एक जून से प्रारंभ और 30 सितंबर को समाप्त माना जाता है। मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान के उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सिरोही, राजसमंद, चित्तौडगढ़ व झालावाड़ में अगले तीन दिन तक भारी बरसात हो सकती है।
अगस्त महीने में 24 फीसद कम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने शुक्रवार को कहा कि यह 12 वर्षो में न्यूनतम है। देश में कमजोर मानसून के दो बड़े सप्ताह नौ से 16 अगस्त और 23 से 27 अगस्त साबित हुए। देश के उत्तर पश्चिम, मध्य और इससे जुड़े प्रायद्वीप एवं पश्चिमी तट में वर्षा की स्थिति कमजोर रही। जून महीने में 10 फीसद अधिक वर्षा हुई, लेकिन जुलाई और अगस्त में क्रमश: सात और 24 फीसद कम वर्षा दर्ज की गई। मध्य भारत में 39 फीसद कम वर्षा हुई। इस क्षेत्र में महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा आते हैं। उत्तर पश्चिम भारत संभाग में उत्तर के राज्य शामिल हैं। इस क्षेत्र में 30 फीसद कम बारिश दर्ज हुई है। दक्षिणी प्रायद्वीप में 10 फीसद कम, जबकि उत्तर पूर्व संभाग में सामान्य से दो फीसद ज्यादा बारिश हुई। मौसम विभाग ने कहा है कि शुक्रवार तड़के दिल्ली के कुछ हिस्सों में हुई बारिश के बाद तापमान एक डिग्री नीचे आ गया और 28.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।