नई दिल्ली। दिल्ली कैंट इलाके में 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है। मृतक बच्ची के माता-पिता की ओर से दाखिल याचिका में पर्याप्त सुरक्षा की भी मांग की है। उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में सुरक्षा के अलावा अदालत की निगरानी में एसआईटी से जांच कराने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली छावनी के पास पुरानी नंगल गांव में एक श्मशान के अंदर चार आरोपियों ने उनके बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं, याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं की पीड़ित बेटी के शव को आरोपियों ने साक्ष्य नष्ट करने के मकसद से श्मशान घाट की आग में फेंक दिया गया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र कुमार ने कहा कि उनके मुवक्किल समाज से गरीब वर्ग के हैं और पूरी तरह से निरक्षर हैं। याचिका में उन्होंने कहा है कि याचिकाकर्ताओं के संज्ञान में आया है कि उनकी मृत बेटी के साथ दुष्कर्म करने के बाद आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी। याचिका में कहा गया है, “जब मृतक की मां अपनी बेटी की तलाश में श्मशान घाट पहुंची, तो उसे आरोपी व्यक्तियों ने बताया कि उसकी बेटी की मौत बिजली का करंट लगने से हुई है।” याचिका में कहा गया है मृत बच्ची के हाथों पर चोटें थीं और उसकी नाक से खून बह रहा था। याचिका मेह कहा है कि आरोपियों ने मृतक के शरीर को छूने की अनुमति नहीं दी थी। याचिका में कहा है कि याचिकाकर्ताओं के रोने की आवाज सुनने के बाद भीड़ वहां जमा हो गई, मृतक की चिता में पानी डाला और मृतक के कुछ अवशेष को जमा किया। साथ ही आरोप लगाया कि मौके पर पहुंची पुलिस ने शुरू से ही मामले को रफा-दफा करने पर ध्यान केंद्रित किया। साथ ही कहा कि याचिकाकर्ताओं को थाने ले जाया गया और रात भर उन्हें थाने में रखा गया, जहां पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया और दबाव बनाया। याचिका में आरोप लगाया कि थाने में पुलिव ने बच्ची के माता पिता पर समझौता करने के लिए भी दवाब बनाया। याचिका में बच्ची के माता-पिता ने इन तथ्यों को पेश करते हुए कहा कि उन्हें न्याय तभी मिलेगा जब मामले की जांच एसआईटी से हो और उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जाए।

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