भोपाल से जाने वाले यात्री हो रहे परेशान
भोपाल। अगर आपको दिल्ली जाना है तो पहले कोरोना की जांच करवाना होगा। ‎दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दूसरे राज्यों से वहां पहुंचने वाले लोगों के लिए कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी है। इससे भोपाल से दिल्ली जाने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। लोग कोरोना जांच के लिए परेशान हो रहे हैं। सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि दिल्ली सरकार ने 72 घंटे से ज्यादा पुरानी जांच को मान्य करने से इनकार कर दिया है। इधर भोपाल में जांच कराने के कम से कम 2 दिन बाद ही रिपोर्ट मिल पा रही है। दिल्ली जाने में भी एक दिन लगता है। ऐसे में लोगों को मजबूरी में पंद्रह सौ से 2000 रुपए खर्च कर निजी लैब से जांच करानी पड़ रही है। दूसरी बड़ी समस्या यह है कि जांच रिपोर्ट के तौर पर सरकारी अस्पताल में जांच कराने वालों को मोबाइल पर सिर्फ एसएमएस मिल रहा है, जिसे रिपोर्ट के तौर पर मान्य नहीं किया जाता है। उन्हें न तो लैब की रिपोर्ट मिल रही है, ना ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से कोई प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। इसके अलावा अन्य जगह पर जाने के लिए भी इसी तरह से प्रमाण-पत्र की जरूरत है, लेकिन लोगों की समस्या हल नहीं हो रही है। कोरोना संक्रमण की शुरुआत से लेकर अब तक ऐसी व्यवस्था नहीं हो पाई है कि रिपोर्ट तैयार होते ही जांच कराने वालों को फौरन मैसेज मिल जाए। इस संबंध में भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी ने कहा कि लैब से उन्हें मरीजों की रिपोर्ट नहीं मिलती है। जांच रिपोर्ट आने के बाद अगर किसी को सर्टिफिकेट की जरूरत होती है, तो वह सीएमएचओ कार्यालय से उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को प्रमाण पत्र दे पाना भी संभव नहीं है। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर 3 से 4 दिन में मैसेज मिल रहा है। तब तक मरीजों की जान सांसत में रहती है। रिपोर्ट आने तक उन्हें क्वॉरेंटाइन रहना पड़ता है।

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