राजधानी दिल्ली के वायु प्रदूषण में अपनी भागीदारी न्यूनतम बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 36 फीसदी की कमी आई है। जहां राज्य सरकार ने बताया है कि पराली जलाने की घटनाओं को लेकर 104 अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में कर यूपी शिकायत दर्ज सरकार से कहा है कि वह प्रदूषण को लेकर गंभीर है और इसकेलिए उसकी ओर से अथक प्रयास जारी है। सरकार ने कहा कि वर्ष 2019 में राज्य में पराली जलाने की कुल 4230 घटनाएं हुई। जबकि पिछले वर्ष इसकी संख्या 6623 थी। वहीं सरकार ने कहा कि राज्य में पराली जलाने की घटनाएं में साल-दर-साल कमी आ रही है।

पराली जलाने की घटनाओं को लेकर 104 अधिकारी व कर्मचारी निलंबित
सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया है कि पराली जलाने की घटनाओं को लेकर 104 अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। 330 कर्मचारियों को चेतावनी दी गई है। 11 केखिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है। 49 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है जबकि 83 से सफाई मांगी गई है। पांच कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगाई गई है।

2525 किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
बता दें कि साथ ही सरकार ने कहा कि पराली जलाने को लेकर 2525 किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। 167 किसानों को गिरफ्तार भी किया गया है। किसानों पर 270.56 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं इनमें से अब तक 97.78 लाख रुपये वसूल किए जा चुके हैं। इसके अलावा उन 39 ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी किया गया है जिनके गांवों में पराली जलाने की घटनाएं अधिक हुई थी और वहां बार-बार ये घटनाएं हो रही थी।

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