नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोविड-19 प्रोटोकॉल की बुरी तरह धज्जियां उड़ाई जा रही है। अनुशासनहीनता को जानने का कोई आंकड़ा हो तो वह 51.7 करोड़ होगा। यह आंकड़ा कुछ और नहीं बल्कि 23 अप्रैल से 7 जुलाई के बीच लापरवाह दिल्लीवासियों से कोविड-उपयुक्त व्यवहार का उल्लंघन करने पर वसूले गए रुपये का है। बाजारों में भीड़ और कोरोना गाइडलाइन्स के उल्लंघन को देखते हुए लगता है कि जल्द ही तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। 20 अप्रैल को, दिल्ली में एक दिन में 28 हजार से अधिक कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आए थे। स्थिति यह थी कि कई दिनों तक रोगियों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहा था। ऑक्सिजन की कमी के कारण लोग सांस के लिए हांफ रहे थे। वहीं, कोरोना से लगातार हो रही मौत की वजह से श्मशान घाट में लाशों को जलाने के लिए लाइन लग गई थी। लेकिन लगता है कि दिल्ली के लोगों ने उस पूरे माहौल जल्द ही भुला दिया गया है। 23 अप्रैल के बाद, 2।7 लाख लोगों को मास्क नहीं पहनने को लेकर जुर्माना लगाया गया है। 27,000 से अधिक लोगों पर सार्वजनिक रूप से आवश्यक सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए और 11,000 से अधिक लोगों पर खुले में थूकने के लिए जुर्माना लगाया गया है। वहीं, 3,000 से अधिक लोग ऐसे हैं जिनपर गुटखा और तंबाकू चबाने या सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने के लिए जुर्माना लगाया गया है।
एक अधिकारी ने कहा कि अधिकांश जुर्माना जून से शुरू होने वाले एक महीने के दौरान लगाया गया। उस समय सरकार ने चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन प्रतिबंधों को हटाना शुरू किया। ऐसे में सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की संख्या बढ़ने लगी। सरकार की तरफ से औद्योगिक क्षेत्रों में निर्माण इकाइयों और निर्माण गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति देने के साथ 31 मई से लॉकडाउन में छूट शुरू हुई। उसके बाद के चरणों में, अन्य कमर्शियल गतिविधियां जैसे बाजार, मॉल, रेस्तरां, जिम और योग संस्थानों को फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से नियमित रूप से अपील की है कि वे कोविड महामारी को खत्म न मानें। सीएम ने कहा है कि इस बात का ध्यान रखें कि मास्क पहनकर और सामाजिक दूरियों के मानदंडों का पालन किया जाए। दिल्ली सरकार ने पूरे शहर में कोविड गाइडलाइन्स को सख्ती से लागू करने के लिए 156 निगरानी दल और लगभग 130 वाहन तैनात किए हैं। दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. अरुण गुप्ता ने कहा कि लोगों का इसी तरह का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार काफी हद तक दूसरी कोविड लहर के लिए जिम्मेदार था। इस तरह के मामले लगातार आने से संक्रमण में एक और वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि लोगों को समझना चाहिए कि सरकार अकेले कोविड को नहीं रोक सकती। इसके लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। ऐसे में लोगों को कोविड-उपयुक्त व्यवहार अपनाना चाहिए और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

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