नई दिल्ली। कोरोना का प्रकोप दिल्ली में किस हद तक बढ़ चुका है इसका अंदाजा अप्रैल में प्रतिदिन हुई मौतों से लगाया जा सकता है। दिल्ली में 31 मार्च तक कोरोना से कुल 11027 मौत हुई थी, जिनकी संख्या 14 अप्रैल तक बढ़कर 11540 हो गई है। यानि अप्रैल के पहले 14 दिनों में दिल्ली में 513 लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई है। अप्रैल में प्रतिदिन 36 लोगों की जान सिर्फ कोरोना वायरस ने ली है। बीते तीन दिनों (12,13 और 14 अप्रैल) में प्रतिदिन 50 से अधिक लोगों की मौत का कारण कोरोना बना है। दिल्ली के श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में अंतिम क्रिया करने वालों की भीड़ लगी है। आने वाले दिनों में कई श्मशान घाटों में चिता स्थानों को बढ़ाने पर विचार चल रहा है। पूर्वी दिल्ली के अमन विहार में एक परिवार के लिए उस समय विकट स्थिति बन गई जब 40 वर्षीय मुक्तेश की मां को हार्ट अटैक आ गया।
कोरोना की चपेट में आने के चलते मुक्तेश की मौत हो गई थी। वे चार दिन से अस्पताल में भर्ती थे। मुक्तेश की मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को घर न लाकर अस्पताल से सीधे श्मशान घाट ले जाया गया और अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम समय में अपने बेटे का मुंह तक नहीं देख पाने के लिए चलते मुक्तेश की मां कमला देवी को गहरा सदमा पहुंचा और उन्हें हार्ट अटैक आ गया। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। मुक्तेश के भाई अमृत ने बताया कि मां को गहरा सदमा लगा है। भाई की उम्र बेहद कम थी, दो दिन तक प्लाज्मा के लिए प्रयास भी किया गया लेकिन भाई को नहीं बचा पाए। उन्होंने कहा कि मां फिलहाल अस्पताल में हैं और खतरे से बाहर हैं।

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