दिनों दिन बढ़ती ठंड ने बीते मंगलवार यानी 17 दिसंबर 2019 को दिल्ली का 22 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। अधिकतम तापमान 1997 के बाद सबसे नीचे 12.2 डिग्री सेल्सियस रहा। 1997 में यह 11.3 डिग्री सेल्सियस पहुंच चूका था। जहां पश्चिमी हिमालय से बहने वाली सर्द हवाओं ने दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में पारे को लुढ़का दिया है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत यूपी का अधिकांश मैदानी इलाका ऐसी ही ठंड की चपेट में रहे। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि पूरे उत्तर भारत में बुधवार को भी ऐसे ही हालात बने रहेंगे। हालांकि गुरूवार से तापमान बढ़ने की उम्मीद है।

दिल्ली-एनसीआर में ठंड का स्तर
मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर पश्चिमी हिमालय क्षेत्र से आ रही सर्द हवाओं ने पूरे इलाके को जद में ले रखा है। उत्तर भारत में तड़के छाया घना कोहरा दिन चढ़ने के साथ वातावरण में निचले स्तर के बादल (लो क्लाउड) में तब्दील हो गया। इससे सूरज की किरणें धरती पर नहीं पहुंच सकीं। इसका सीधा असर तापमान में गिरावट के तौर पर सामने आया। जहां दिल्ली-एनसीआर में ठंड का स्तर गिरता ही जा रहा है। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व चंडीगढ़ का मौसम ठंड हो चुका है। जहां इन राज्यों के कुछ इलाकों में ठंड का प्रकोप ज्यादा है। बुधवार को भी सर्द हवाएं पूरे उत्तर भारत को कंपकंपाएंगी। गुरूवार को तापमान बढ़ने से दिल्ली-एनसीआर के साथ हरियाणा व पंजाब में ठंड कुछ कम होगी। हालांकि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में ठंडक बनी रहेगी। मौसम विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में तापमान .7 डिग्री सेल्सियस लुढ़क गया। मंगलवार को यह 1997 के बाद सबसे ठंडा दिन रहा है।

इतिहास में दो बार अधिकतम तापमान नीचे गिरा
मौसम विभाग के दर्ज इतिहास में दो बार अधिकतम तापमान इससे नीचे गया गया है। 1997 व 1973 की 28 दिसंबर को तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस गया था। दिल्ली-एनसीआर में तीन दिन कड़ाके की ठंड का स्तर बढ़ गया है। यह हालात उस वक्त बनते हैं, जब दिन का तापमान तेजी से नीचे गिरता है। शीत लहर उस वक्त चलेगी, जब रात के तापमान में भी तेजी से गिरावट आएगी। फिलहाल रात का तापमान सामान्य से दो ऊपर 10.4 डिग्री सेल्सियस है। जहां आने वाले दिनों में इसमें भी गिरावट दर्ज की जाएगी।

Previous articleगुवाहाटी : हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को दिये निर्देश, 7 दिनों से बंद इंटरनेट सेवाएं होंगी चालू
Next articleसुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम कानून पर रो​क लगाने से किया इंकार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here