नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में 23 किस्म के सांपों का बसेरा है। इनमें से सिर्फ चार प्रजातियों के सांप ही विषैले हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के पर्यावरण अध्ययन विभाग के अध्ययन में पहली बार सांपों की प्रजातियों की समग्र सूची तैयार की गई है। दिल्ली को दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में शामिल किया जाता है। घनी आबादी वाली बस्तियों के साथ-साथ राजधानी में यमुना के कछार और अरावली की पर्वत शृंखला वाले हिस्से हैं। इसके अलावा भी दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर शहरी वन क्षेत्र हैं। आधिकारिक तौर पर दिल्ली का हरित क्षेत्र 22 फीसदी के लगभग माना जाता है। इस हरियाली, कछार और वन क्षेत्रों में अलग-अलग वन्यजीव निवास करते हैं। खास बात यह है कि इन वन्यजीवों में सांप भी खासी तादाद में हैं। अक्सर ही घरों व अन्य परिसरों में भी इनके घुसने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। कम जानकारी के चलते लोग सांप को देखते ही दशहत में आ जाते हैं। लेकिन, दिल्ली में पाए जाने वाली 23 किस्मों में से केवल चार किस्म के सांप ही जहरीले होते हैं। इन्हें पहचानकर इनसे दूर रहा जा सकता है। पहले माना जाता था कि राजधानी में सांपों की 15 प्रजातियां ही पाई जाती हैं। लेकिन, लगभग पांच साल तक चले अध्ययन के बाद अब इसमें आठ प्रजातियों का रिकॉर्ड जोड़ा गया है, जिसके बाद इनकी समग्र संख्या 23 हो गई है। कॉमन ब्रोंजबैक, कॉमन ट्रिंकेट स्नेक, कॉमन कैट स्नेक, स्ट्रीक्ड कुकरी, कॉमन कुकरी, बैरेड वोल्फ स्नेक, कॉमन सैंड बोआ और सॉ स्केल वाइपर सांप को पुरानी लिस्ट में पहली बार जोड़ा गया है।

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