मदरलैंड संवाददाता,

प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के बीच दिल्ली और बिहार सरकार के मंत्री के बीच भाड़े को लेकर घमासान मचा हुआ है।
 आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर यह कहा था कि दिल्ली सरकार बिहार आने वाले मजदूरों से रेल भाड़ा नहीं ले रही है यही नहीं उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने बिहार समेत संबंधित राज्य सरकारों को चिट्ठी लिखी लेकिन किसी भी सरकार ने भाड़ा को लेकर कोई जानकारी नहीं दी और ना ही दिल्ली सरकार के उस चिट्टी का कोई जवाब दिया।
 शनिवार को बिहार के जल संसाधन मंत्री और दिल्ली प्रभारी संजय झा ने मीडिया में यह बयान दिया  कि दिल्ली सरकार बिहार से आने वाले प्रवासी मजदूरों का रेल भाड़ा बिहार सरकार से मांग रही है।
 संजय झा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बिहार के आपदा विभाग को पत्र लिखकर ट्रेन का भाड़ा मांगा है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार दिल्ली सरकार को कोई भी पैसा रिम्वर्स नहीं करेगी। क्योंकि बिहार में प्रवासी मजदूर को लेकर पहले ही नीतीश कुमार की सरकार ने तय कर रखा है कि जो मजदूर 2 हफ्ते का क्वॉरेंटाइन पूरा कर लेंगे उन्हें बिहार सरकार भाड़ा और अतिरिक्त पैसा भी देगी। संजय झा के बयान पर दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने पलटवार करते हुए कहा कि यह सच है कि दिल्ली सरकार ने बिहार सरकार को पत्र लिखा था, जिसका बिहार सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। गोपाल राय ने कहा कि यह भी सच है कि दिल्ली सरकार ने अपने पैसे से बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए 1200 प्रवासी मजदूरों के ट्रेन का भाड़ा दिया है। दिल्ली चुनाव के बाद एक बार फिर प्रवासी मजदूरों के भाड़े को लेकर दिल्ली सरकार और बिहार सरकार के बीच ठन गई है। दोनों सरकार के मंत्री भाड़े को लेकर एक दूसरे की सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।

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