दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा पीड़ितों तक राहत पहुंचाने के मुद्दे पर शनिवार को सभी विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुआवजे के लिए आवेदन मिलने लगे हैं, पहले दिन 69 व्यक्तियों के आवेदन मिले हैं। केजरीवाल ने मीडिया से कहा, “राहत एवं बचाव कार्यो में लगे विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों के साथ हमने समीक्षा बैठक की है और जल्द ही पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे और नुकसान की जानकारी एकत्र कर ली जाएगी।” मुख्यमंत्री ने कहा, “हिंसा प्रभावित इलाके से मुआवजे के लिए 69 व्यक्तियों के आवेदन फॉर्म मिले हैं।

मुआवजे के लिए आवेदन करने वाले इन सभी लोगों को कल रविवार तक 25 हजार रुपये की फौरी मदद मिल जाएगी।” उन्होंने कहा, “हिंसाग्रस्त क्षेत्र के लोगों की जिंदगी सामान्य हो, यह हमारा पहला लक्ष्य है। हिंसा की अब कोई नई सूचना नहीं आई है, सभी समुदायों के बीच भाईचारा कायम हो, यही हमारा लक्ष्य है।” केजरीवाल ने कहा कि हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में एसडीएम को पहचान करने के लिए कहा गया है। एसडीएम यहां लोगों से मिलकर और घटनास्थल का मुआयना करके पता लगाएंगे कि कितनी दुकानें और घर जले हैं। केजरीवाल ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये, नाबालिगों की मौत पर उनके परिजनों को पांच लाख रुपये, हिंसा में दिव्यांग हुए व्यक्ति को पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो लाख और मामूली रूप से घायल हुए व्यक्ति को 20000 रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान 40 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को एक बार फिर दोहराया कि जिन लोगों के घर जला दिए गए, उन्हें 25 हजार रुपये की तत्काल सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा, “हिंसा प्रभावित छात्रों को किताबें और वर्दी दिल्ली सरकार निशुल्क उपलब्ध कराएगी। अगर कोई घायल निजी अस्पताल में भी उपचार कराता है तो उसका सारा खर्च दिल्ली सरकार फरिश्ते स्कीम के तहत वहन करेगी।” हिंसा के दौरान कई घर व दुकानें ऐसी रहीं, जिन्हें उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। ऐसी स्थिति में इन संपत्तियों के मालिकों के सरकारी दस्तावेज भी जलकर खाक हो गए हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, “दिल्ली सरकार ऐसे हिंसा से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए राजस्व विभाग की मदद से हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में ही विशेष कैम्प लगाने जा रही है। इन कैम्पों में बिना देरी किए जल चुके दस्तावेजों को नए सिरे से बनाकर संपत्ति मालिकों को सौंपा जाएगा।”

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