देश की राजधानी दिल्ली में भड़की हिंसा के मामले में अपराध शाखा की विशेष जांच दल (SIT) ने हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया है। चार्जशीट 1100 पेजों की है। पुलिस ने रतनलाल की हत्या के मामले में 17 लोगों को अरेस्ट किया है।

SIT ने सबूत के तौर पर सीसीटीवी और मोबाइल फुटेज और मौके पर उपस्थित चश्मदीद गवाहों की गवाही और पुलिसकर्मियों के बयान को शामिल किया है। इस मामले में 60 से अधिक गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए गए हैं। चार्जशीट में कहा गया कि दिल्ली हिंसा से पहले 22 फरवरी को 40-50 उपद्रवियों के समूह की एक घर के बेसमेंट में बैठक हुई थी, जिसमें हिंसा की साजिश रची गई। साजिश रचनेवालों में सलीम खान, सलीम मुन्ना, शादाब सहित पांच प्रमुख आरोपित थे। योजना के अनुसार, हिंसा के पहले आसपास के सीसीटीवी तोड़ दिए गए थे।

आरोपपत्र में कहा गया है कि दंगाई बच्चों और बुजुर्गों को घर में रहने की सलाह देकर सड़कों पर निकले थे। चार्जशीट में कहा गया कि 23 फरवरी को हंगामे के बाद उपद्रवी वापस लौट गए, किन्तु फिर 24 फरवरी को एक बार उपद्रवी सड़कों पर निकलकर उपद्रव करने लगे। इस हमले में शाहदरा के डीसीपी, गोकलपुरी के एसीपी अनुज कमार सहित कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। चार्जशीट में कहा गया है कि हिंसक भीड़ ने पास ही के मोहन नर्सिंग होम पर भी अटैक किया। मोहन नर्सिंग होम में पुलिसवाले एडमिट थे। इसी हिंसा में हेड कांस्टेबल रतनलाल की मौत हो गई थी।

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