पूर्णिया। विश्व जनसंख्या दिवस पर हम अपने देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए लोगों को जागरूक करें। सरकार पर दबाव बनाएं कि वह जनसंख्या पर नियंत्रण करने की दिशा में पहल करें। ये विचार अधिवक्ता विचार मंच पूर्णिया के सदस्यों ने व्यक्त किए हैं। अधिवक्ता विचार मंच के जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार दीपक, महासचिव गौतम वर्मा, सचिव संजीव कुमार सिन्हा एवं भाजपा विधि प्रकोष्ठ के संयोजक आशुतोष झा, बबीता चौधरी ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने तलाक के एक मामले की सुनवाई करते हुए समान नागरिक संहिता को वक्त की जरूरत करार दिया है। दिल्ली उच्च न्यायालय का यह विचार स्वागत योग्य है। क्योंकि संविधान निर्माताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने में काफी विलंब हो चुका है। अब और अधिक विलंब करना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह कह कर इस ओर इशारा किया है कि हमारा देश जाति धर्म मजहब एवं समुदाय से ऊपर उठकर इस दिशा में तेजी से पहल करें। अधिवक्ताओं ने कहा है कि इस गंभीर मसले पर राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों को पहल करनी चाहिए। साथ ही सरकार पर कानून बनाने के लिए दबाव भी बनाना चाहिए अन्यथा वह दिन दूर नहीं है जिस दिन चीन की जनसंख्या को पीछे छोड़ते हुए हमारा देश जनसंख्या के मामले में पूरे विश्व में नंबर एक बन जाएगा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आजादी के बाद हमारे देश की जनसंख्या 34 करोड़ थी जो अब बढ़कर 138 करोड़ हो चुकी है। अपने ही देश में गोवा में जनसंख्या नियंत्रण कानून बन चुका है। अब असम एवं उत्तर प्रदेश की सरकार भी जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में कानून बनाने को सोच रही है। फिर संपूर्ण देश में यह कानून क्यों नहीं बन सकता है।

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