फरीदाबाद। फरीदाबाद में सोफ्ता मोड़ पर पुलिस और किसानों के बीच हुए टकराव के मामले में गदपुरी थाने में दो हजार किसानों के खिलाफ हत्या के प्रयास और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह मामला गदपुरी थाना के हवलदार दीपक की शिकायत पर दर्ज किया है। गदपुरी थाना एसएचओ जंगशेर सिंह ने बताया कि पुलिस और किसानों के बीच टकराव के बाद कई पुलिसकर्मियों को चोट लग गई है। ट्रैक्टर रोकने के बावजूद किसानों ने ट्रैक्टर आगे चलाए।

इसे देखते हुए मामला दर्ज किया गया है

पुलिस ने अभी तक न तो किसी किसान को हिरासत में लिया है न ही किसी किसान को गिरफ्तार किया है। उधर, डीसीपी बल्लभगढ़ और सेक्टर-58 थाना एसएचओ को भी ट्रैक्टर रोकने के दौरान हल्की चोट लगने की सूचना है। ट्रैक्टर रैली को लेकर सोफ्ता में पुलिस और किसानों के बीच हुए संघर्ष में अगर आगजनी होती तो जानमाल का भारी नुकसान हो सकता था। पुलिस ने रैली को रोकने के लिए ट्रकों की बैरिकेडिंग की थी, जो लंबे रूट पर चलने वाले थे। एक ड्राइवर ने बताया कि एक ट्रक में काफी डीजल होता है और अधिकांश ट्रक सामान से भरे हुए थे।

ड्राइवरों का कहना है कि

जो ट्रैक्टर ट्रकों के बीच पहुंच गए थे उनके डीजल की पाइप को निकाल दिया गया था। अगर किसी वजह से उसमें आग लग जाती तो बाकी ट्रकों को भी वह अपने चपेट में ले सकती थी। हैरानी की बात यह है कि मौके पर आग बुझाने जैसे बंदोबस्त मौके पर नहीं थे। एक ड्राइवर ने बताया कि पीछे ऐसे ट्रक भी खड़े थे, जिनमें ड्राइवर और क्लीनर अंदर ही बैठे थे।

किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने कहा कि कुछ युवा किसानों ने जल्दबाजी कर दी

इसकी वजह से ऐसे हालात बने। हम पीछे से एक साथ आ रहे थे, कुछ युवा किसान आगे आ गए, लेकिन किसानों ने पुलिस के साथ किसी प्रकार की बदसलूकी नहीं की है बल्कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। करीब दस किसान जख्मी हो गए हैं। पुलिस की लाठी से हाथ की हड्डी टूटी है और सिर में भी चोट है।
#savegajraj

Previous articleबजट सत्र से पहले सांसदों और संसद स्टाफ का शुरू होगा कोरोना टेस्ट
Next articleसुप्रीम कोर्ट में होगी तांडव पर सुनवाई

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here