भोपाल। मध्यप्रदेश के धान ‎मिलर्स से बात नहीं बन पाने के कारण अब दूसरे राज्यों के ‎मिलर्स को आमंत्रित ‎किया गया है। राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने इसके लिए बाकायदता निविदा आमंत्रित की हैं। बता दें ‎कि मध्य प्रदेश में गत वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड लगभग 40 लाख टन धान की खरीद की गई थी लेकिन मिलर 50 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि पर मिलिंग के लिए तैयार नहीं हैं। मिलर्स एसोसिएशन का कहना है कि प्रति क्विंटल 55 किलोग्राम चावल लिया जाए और प्रोत्साहन राशि भी कम से कम सौ रुपये की जाए। सरकार प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के लिए तो सैद्धांतिक तौर पर सहमत है, पर प्रति क्विंटल धान से 67 किलोग्राम चावल के प्रविधान पर अडिग है। यह व्यवस्था केंद्र सरकार की है और राज्य इसे बदल नहीं सकता है। यही वजह है,पहली बार अन्य राज्यों के मिलर को बुलाया जा रहा है। नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल ने बताया कि निविदा जारी की गई हैं। अन्य राज्य के मिलर यदि प्रदेश सरकार द्वारा तय शर्तों पर मिलिंग के लिए तैयार होते हैं तो उन्हें धान दी जाएगी। प्रोत्साहन राशि फिलहाल 50 रुपये प्रति क्विंटल है और परिवहन की दर जिले के भीतर जो तय की गई है, वह दी जाएगी। प्रति क्विंटल धान के विरुद्ध मिलर को 67 किलोग्राम चावल देना होगा। उसे राज्य की ओर से 50 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह पहले 25 रुपये थी, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया था पर राज्य के मिलर इस पर मिलिंग के लिए तैयार नहीं हैं। मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने राशि को बढ़ाकर सौ रुपये करने पर भी सहमति जताई थी पर बात नहीं बनी। उधर, अधिकारियों का कहना है कि मिलिंग के प्रविधान केंद्र सरकार ने तय किए हैं और उसमें बदलाव संभव नहीं है। यही वजह है ‎कि पहली बार अन्य राज्यों के मिलर्स को धान ‎मिलिंग के ‎लिए को बुलाया जा रहा है।

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