एनएसयूआई  के कार्यकर्ताओं ने रविवार को प्रदर्शन कर नई आबकारी नीति का विरोध करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का पुतला फूंका। इस प्रदर्शन की अगुवाई एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने की।व  प्रदर्शनकारियों छात्रों  को सम्बोधित करते हुए एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने कहा कि हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत ऐसा नियम लागू किया जिसमें कोई भी व्यक्ति अपने घर पर 12 अंग्रेजी और 12 देशी दारू की बोतल रख सकता है तथा इसके लिए सिर्फ 1000 रुपये देकर एल-50 लाइसेंस लेना होगा।

कृष्ण अत्री ने बीजेपी-जेजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहाँ हरियाणा का युवा नशे की गिरफ्त में फसता जा रहा है वहीं हरियाणा सरकार युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाने की जगह उल्टा उन्हें नशे की तरफ धकेल रही है। अत्री ने कहा कि सरकार इस तरह का काला कानून सिर्फ और सिर्फ ज्यादा राजस्व वसूलने के लिए ला रही है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले हरियाणा की सरकार ने गांवो में से आवेदन मांगे थे जिसके तहत अगर गाँव के लोग ठेका खुलवाना नही चाहते तो सरकार ठेका नही खोलेगी जिसमें 834 गाँवो ने प्रस्ताव भेजा था लेकिन अभी नई आबकारी नीति लाकर घर-घर में ठेका खोलने की अनुमति देकर सरकार ने प्रदेश में नशे को बढ़ावा देने का काम किया है ।जोकि बहुत ही निंदनीय फैसला है।

कृष्ण अत्री ने कहा कि आज सरकार को जरूरत है कि प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी, अपराध, भ्रष्टाचार, महिलाओं के शोषण, बेहतर शिक्षा के लिए काम करे नाकि इस तरह राजस्व वसूलने के चक्कर में ऐसे ऐसे नियम लाये जोकि प्रदेश के युवाओं को नशे की तरफ धकेले। उन्होंने कहा 2014 से पहले कांग्रेस की सरकार में युवाओं को खेलो के लिए, रोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाता था । हरियाणा खेलकूद, रोजगार, जीडीपी, शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल आता था। लेकिन  बीजेपी-जेजेपी की मिली जुली सरकार में युवा बेरोजगारी, नशे जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे है लेकिन सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नही है। सरकार को चाहिए ऐसे नियम को रद्द करके युवाओं के हित में फैसला लेना चाहिए और युवाओं को बेहतर शिक्षा, रोजगार देना चाहिए।

इस मौके पर जमील मालिक प्रदेश महासचिव हरियाणा ओबीसी सेल, प्रदीप नागर, हंसराज, अमित सिंह, नीटू, परवेज खान, बिजेंदर कुमार, बलराम सिंह, अमित भड़ाना समेत अन्य छात्र मौजूद थे।

 

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