मदरलैंड एजेंसी,
नई दिल्ली (एजेंसी)। उच्च न्यायालय ने लोगों के घरों तक खाना पहुंचाने वाले कंपनियों के जरिए शराब की होम डिलीवरी कराने का आदेश देने से इनकार करते हुए इस तरह के सुझाव को चिंताजनक बताया है। न्यायालय ने कहा है कि इससे सुरक्षा और संरक्षा को खतरा होगा। उच्च न्यायालय ने कहा है कि शराब की डिलीवरी के दौरान रास्ते में इसकी लूट की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और एस.डी. सहगल की पीठ ने कहा कि फिलहाल शराब की बिक्री व वितरण अब तक अधिकांशत: सरकार के हाथ में है, लेकिन होम डिलीवरी किए जाने से इसमें मिलावट की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि शराब की होम डिलीवरी भी उतनी सुरक्षा के साथ करनी होगी जैसे बैंकों के एटीएम में नकदी डालने के लिए प्रबंध करने होते हैं। उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को जल्द से जल्द शराब की बिक्री को लेकर निर्णय लेने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि लॉकडाउन के दौरान शराब के ठेकों/दुकानों पर भीड़ न हो। साथ ही, शराब की दुकानों पर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन सुनिश्चित करने को कहा है।