पूर्णिया। 454 करोड़ का भारी भरकम बजट तैयार करने वाले पूर्णिया नगर निगम के पार्षदों के बीच विकास कार्य को लेकर असंतोष की भावना है। बात चाहे निगम की बोर्ड बैठक की करें या फिर सशक्त स्थाई समिति की बैठक। हरेक बैठकों में विकास कार्यों की न सिर्फ चर्चा हुई बल्कि इसके लिए बाकायदा बजट भी तैयार हुए। लेकिन बारी जब अमलीजामा पहनाने की आई तो तमाम पारित प्रस्तावों को अधर में लटका दिया गया। यही नहीं कई ऐसी योजनाएं भी हैं जो शहर के लिए बेहद अहम थी लेकिन हमारे माननीयों व पदाधिकारियों ने शायद इसे गंभीरता से नहीं लिया और 5 वर्ष का कार्यकाल बीत जाने के बाद अब सिर्फ मलाल ही रह गया है क्योंकि कार्यकाल समाप्त हो चुका है।
वार्ड 22 की निवर्तमान पार्षद ने नगर आयुक्त को लिखा पत्र :
निवर्तमान वार्ड पार्षद सरिता राय ने नगर आयुक्त जिउत सिंह को पत्र लिखकर पूर्व में बोर्ड द्वारा पारित प्रस्ताव पर समुचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। सरिता राय ने लिखे पत्र में कहा है कि निगम बोर्ड का कार्यकाल 27 जून को समाप्त हो चुका है। इस कार्यकाल के प्रारंभ में विभा कुमारी मेयर के पद पर आसीन हुईं। उनके कार्यकाल में बोर्ड की कुल 8 बैठकें आहुत की गई। जबकि सशक्त स्थाई समिति की कुल 15 बैठकें हुईं। वहीं मेयर सविता देवी के कार्यकाल में 15 बोर्ड की बैठक और सशक्त स्थाई समिति की 23 बैठकें आहुत की गईं। इस तरह दोनों मेयर के कार्यकाल में बोर्ड की 15 और सशक्त स्थाई समिति की कुल 38 बैठकों का आयोजन हुआ। इसमें विधायक विजय खेमका समेत सभी पार्षदों ने अपने वार्डों की समस्याओं के निदान के लिए प्रस्ताव दिया था जो पुस्तिका में दर्ज है। इसका क्रियान्वयन होने वाला ही था कि बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो गया।
इन प्रस्तावों पर होना था कार्य :
बोर्ड व सशक्त स्थाई समिति की बैठकों में पारित प्रस्ताव में आधारभूत संरचना, डोर टू डोर कचरा संग्रहण एवं निस्तारण, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति, सफाई वाहनों का क्रय, राजस्व उगाही, शौचालय निर्माण, राजीव आवास योजना, पार्क निर्माण और पौधरोपण, वेंडिंग जोन का निर्माण, बस एवं ऑटोरिक्शा स्टैंड का निर्माण, जलनिकासी आदि प्रमुख रूप से शामिल है। उन सभी पारित प्रस्तावों के आधार पर क्रियान्वयन होना है। उन्होंने जनहित में पारित प्रस्तावों पर समुचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है।