विनोद सिंह ,
मदरलैंड संवाददाता , सहरसा
छह वर्षीय पुत्र ने शहीद कुंदन को दी मुखाग्नि , शहीद कुंदन को देखने हजारों की संख्या में पहुँचे
सहरसा के लाल शहीद कुंदन का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। शहीद कुंदन को उसके छह वर्षीय पुत्र ने मुखाग्नि देकर विदाई दी। गुरुवार की देर रात शहीद कुंदन का पार्थिव शरीर उनके घर आया । इस दौरान पूरा इलाका भारत माता की जय और चीन मुर्दाबाद के नारों से गूंज उठा । परिजनों ने सरकार से गलवान घाटी के शहीदों को परमवीर चक्र देने की मांग की है। शहीद कुंदन की अंतिम यात्रा में उन्हें आखिरी सलामी देने के लिए पूरा जनसैलाब उमड़ पड़ा। बताते चलें कि भारत चीन सीमा पर हिंसक झड़प में शहीद हुए कुंदन का पार्थिव शरीर जैसे ही गाँव आया उनके एक झलक पाने के लिए लोग बेताव हो गए। बता दें कि लद्दाख के गलवान घाटी में LAC पर चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 बहादुर जवान शहीद हो गए। भारतीय जांबाजों ने भी बॉर्डर पर डटकर सामना करते हुए कई चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। देश की संप्रभुता सर्वोच्च है। देश की सुरक्षा करने से हमे कोई रोक नहीं सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिये।
बेबी की हर चीत्कार में निकलता है एक शब्द , कते गेलो हो बाबू
शहीद कुंदन की पत्नी के हर चीत्कार में बस एक ही शब्द बाहर निकल कर बाहर आता है कि “कते गेलो हो बाबु” मालूम हो कि शहीद कुंदन का वर्ष 2013 में मधेपुरा जिला के घेलाढ़ प्रखंड अंतर्गत इनरवा गाँव में बेबी से शादी हुआ था। शादी के बाद कुंदन को दो पुत्र हुआ जिसमें बड़ा लड़का रोशन का उम्र 06 वर्ष है एवं छोटा लड़का राणा का उम्र मात्र 04 वर्ष है। कुंदन को उनके बड़े पुत्र रोशन ने मुखाग्नि दिया लेकिन वह इस दुनियां से अनजान है कि पापा को किया हो गया और पापा काहे सोए हुए है। ज्ञात हो कि कुंदन की शादी की सातवीं वर्षगांठ मनाने के 24 दिन पहले ही वह शहीद हो गए। शहीद के दो पुत्र रौशन कुमार(5) राणा कुमार(4) हैं। घर में उनके पिता निलेन्द्र प्र. यादव, माता सुदामा देवी व बड़े भाई ललन प्र. यादव हैं। परिवार के लोगों ने बताया कि कुंदन का मोबाइल बंद है। शहीद होने की सूचना बॉर्डर पर से ही किसी सैनिक ने मंगलवार की देर रात मोबाइल पर दी थी ।
पिता को देश के लिए बेटे की कुर्बानी पर गर्व है
शहीद कुंदन के पिता का कहना है कि ऐसा काम जो उसने किया है बहुत सराहनीय काम है । हर कोई नहीं कर सकता जज्बा चाहिए, जज्बात चाहिए । मुझे गर्व है कि मैं शहीद कुंदन का पिता हूं । वहीं लद्दाख के गलवान घाटी में LAC पर चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए भारत मां के सपूत कुंदन का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया गया । भारत माता के शहीदों के जाने का गम हर भारतवासी को है, हर किसी की आखें नम है । लेकिन इनमें भाव गर्व का है । क्योंकि देश की हिफाज़त करते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले इन बहादुर जवानों की कुर्बानी कभी नहीं भुलाया जा सकता है ।
कुंदन ने मिथला का सीना 56 इंच का किया – पीएचडी मंत्री
बिहार सरकार के तरफ से आये शहीद कुंदन के अंतिम विदाई में पीएचडी मंत्री बिनोद नारायण झा ने कहा कि शहीद कुंदन भारत का ही नही मिथला के 56 इंच का सीना चौड़ा किया है। कुंदन सैनिक के रूप में देश के रक्षक के रूप में देश का सर्वोच्य बलिदान दिया है। समग्र राष्ट्र उनके सामने नतमस्तक है कुंदन का आत्मबलिदान बैकार नही जाएगा। देश उस परिवार के साथ खड़ा है जिसने ऐसे पुत्र को जन्म दिया उनके बेटे को लौटा नही सकते लेकिन देश , समाज सब उनके साथ है बिहार सरकार पीड़ित परिवार को सरसम्भव मदद करेगी। झा ने बताया कि शहीद का एक भव्य स्मारक भी बनाया जाएगा जिससे यहां के युवाओं में कुंदन के प्रति प्यार और उनके अदम्य साहस को लोग याद रख सकेगें।
श्रंद्धाजलि देने पहुंचे मंत्री , सांसद , डीआईजी
जब से जिला प्रशासन को सूचना प्राप्त हुआ कि भारत चीन बॉर्डर पर हिंसक झड़प में कोशी का लाल शहीद हो गया तब से अधिकारियों का शहीद के घर आना जाना लगा रहा। यही नही जिस जनप्रतिनिधियों को जैसे पता चला शहीद के घर सांत्वना देने पहुँच गए। शुक्रवार को शहीद कुंदन की जब आखड़ी विदाई शुरू हुई तब बिहार सरकार के पीएचडी मंत्री बिनोद नारायण झा , मंत्री रमेश ऋषिदेव ,मधेपुरा लोकसभा के सांसद दिनेश चंद्र यादव , सहरसा विधानसभा के राजद विधायक एवं शहीद कुंदन के ग्रामीण अरुण यादव , जीप चैयरमेन अड़हुल देवी , बीजेपी के पूर्व विधायक आलोक रंजन , किशोर कुमार मुन्ना , बीजेपी के जिलाध्यक्ष दिवाकर सिंह , शशिशेखर सम्राट , डॉ रामनरेश सिंह , प्रवीण आनंद , डीएसएस के जिलाध्यक्ष सह राजद नेता मनोज यादव सहित सैकड़ों ने शहीद को श्रंद्धाजलि अर्पित किया। वहीं डीआईजी सुरेश चौधरी , डीएम कौशल कुमार , पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार , आदि लोगों ने भी शहीद को श्रंद्धाजलि अर्पित किया। शहीद को सम्मानजनक विदाई हो इसके लिए सुबह से ही सदर एसडीओ संभुनाथ झा , डीडीसी राजेश कुमार सिंह , बीडीओ असगर अली आदि लोग मौजूद थे।