मदरलैंड संवाददाता, अररिया
अररिया। कोविड-19 को लेकर बाहर से आ रहे मजदूरों के क्वारंटाइन के लिए भरगामा प्रखंड के भरगामा पंचायत में आदर्श मध्य विद्यालय भरगामा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय जमुवान, जवाहर उच्च विद्यालय भरगामा को चयनित किया गया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी, सीओ के आदेश के बावजूद क्वारंटाइन सेंटर में भरगामा पंचायत के मुखिया ने न तो साफ-सफाई कराई और न ही पंचम वित्त योजना अंतर्गत कोई सुविधा उपलब्ध कराई।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत राज पदाधिकारी किशोर कुमार ने सोमवार को भरगामा पंचायत के मुखिया को स्पष्टीकरण पूछा है। डीपीआरओ ने पूछा कि आपने न सिर्फ अपने प्रखंड के अधिकारियों के आदेश की अवहेलना की है बल्कि आपके कार्यशैली से भी कोविड जैसे महामारी में असहयोगात्मक रवैया प्रतीत होता है। क्यों नही आपदा प्रबंधन 2007 की सुसंगत धाराओं के तहत आप पर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए बिहार पंचायत राज अधिनियम की धारा 18(5) अंतर्गत पदमुक्त की कार्रवाई की जाय। डीपीआरओ ने लिखा है कि पत्र प्राप्ति के चौबीस घंटे के अंदर स्पष्टीकरण समर्पित करें अन्यथा स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने की स्थिति में यह माना जाएगा कि इस संबंध में आपको कुछ नहीं कहना है। फिर जिला पदाधिकारी को सूचित करते हुए आपके विरुद्ध अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
भरगामा के मुखिया से पूछा स्पष्टीकरण
जिले के भरगामा प्रखंड अंतर्गत भरगामा पंचायत के मुखिया पर चिह्नित पंचायत क्वारंटाइन स्थलों पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाते हुए जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने स्पष्टीकरण पूछा है।
अधिकारी ने 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। इस संबंध में संबंधित मुखिया को भेजे पत्र में कहा गया है कि पंचायत के तीन स्कूलों को प्रवासी मजदूरों के लिए क्वारंटाइन सेंटर के रूप में चिह्नित किया गया है। कहा गया है कि जिला पंचायती राज पदाधिकारी के अलावा प्रखंड के बीडीओ व सीओ ने भी सभी चिन्हित स्कूलों में साफ सफाई व आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश मुखिया को दिया था। इसके लिए पांचवीं वित्त के अलावा अन्य मदों की राशि के उपयोग का निर्देश दिया गया था। पर क्वारंटाइन स्थलों पर मुखिया द्वारा कोई काम नहीं कराया गया है। पत्र में वरीय अधिकारी व सरकारी आदेश की अवहेलना और कोविड 19 जैसे गंभीर मुद्दे पर असहयोग का रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि ऐसी स्थिति में क्यों नहीं उनके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए बिहार पंचायत अधिनियम की सुसंगत धारा के तहत पद मुक्त करने की कार्रवाई की जाए। 24 घंटे के भीतर बीडीओ के माध्यम से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा गया है कि अगर ऐसा नही हुआ तो माना जायेगा कि इस संबंध में मुखिया को कुछ नहीं कहना है। ऐसी परिस्थिति में डीएम को सूचना देते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी।