मुंबई। कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ पुलिस ने गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया वहीं सोमवार को उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बारे में अपमानजनक टिप्पणी भी कर दी थी। इसके बाद मुंबई में शिवसेना आक्रामक हो चुकी है। राणे के नास‍िक में कोरोना गाइडलाइंस का उल्‍लंघन करते हुए जन आशीर्वाद रैली निकालने पर महाराष्‍ट्र सरकार सख्‍त हो गई है। नासिक पुलिस ने नारायण राणे के ख‍िलाफ कोरोना गाइडलाइंस के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए क्राइम ब्रांच को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश द‍िया है। दरअसल सोमवार को जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बारे में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की टिप्पणी से शिवसेना नेता नाराज हैं। दरअसल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की आलोचना करते हुए नारायण राणे की जुबान फिसल गई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा है, ‘अगर होता तो कान के नीचे रख देता।’ (केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने आपत्तिजनक भाषा में सीएम उद्धव ठाकरे की आलोचना की)
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की जन आशीर्वाद यात्रा महाड पहुंचने के बाद राणे ने प्रेस वार्ता की। उस समय राणे पत्रकारों के पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। राज्य में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा है और बच्चों को अधिक खतरा है, इसलिए मुख्यमंत्री ने कहा है कि भीड़ से बचना चाहिए, एक पत्रकार ने राणे को बताया। इस पर राणे नाराज हो गए। राणे ने कहा कि उन्हें (महाराष्‍ट्र सरकार) नहीं पता कि वह हमें क्या बताएंगे। वे कौन से डॉक्टर हैं? तीसरी लहर की आवाज कहां से आई? और वह यह भी कहती थी कि बच्चे खतरे में हैं और लोगों को डराते हैं। अशुभ मत बोलो। क्या उसे बोलने का अधिकार है? एक सचिव को एक तरफ रख दो और पूछो और बोलो। क्या उस दिन देश को आज़ाद हुए कितने साल हो गए थे? अरे, डायमंड फेस्टिवल के बारे में क्या? अगर मेरे पास होता, तो मैं इसे अपने कान के नीचे रख देता। यह क्या है, देश के स्वतंत्रता दिवस के बारे में आपको नहीं पता होना चाहिए? बता दें, क्या है इनके बड़े पिल्लों की कहानी….. राणे ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि केवल एनसीपी ही सत्ता में है। कौन चला रहा है यह सरकार? इस सरकार के पास कोई ड्राइवर नहीं है। मुख्यमंत्री को लेकर नारायण राणे के बयान के बाद शिवसेना सांसद विनायक राउत भड़क गए। उन्‍होंने चेतावनी देते हुए कहा क‍ि हमेशा अपने राजनीतिक हितों के लिए चापलूसी के आदी रहे नारायण राणे को केंद्रीय मंत्री का पद मिला है। अब जब उन्हें केंद्र में मंत्री पद मिल गया है तो उनका मानसिक संतुलन पूरी तरह से बिगड़ गया है। लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारे पास मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे या शिवसेना के किसी नेता के बारे में इस तरह के बयान देने वालों के हाथ काटने की शक्ति है।

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