भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा निजी क्षेत्र में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने वाले निवेशकों को प्रोत्साहन अनुदान दिया जाएगा। इसमें निवेश पर 50 फीसद तक अनुदान रहेगा। यह अधिकतम 75 करोड़ रुपये होगा। इसके लिए न्यूनतम एक करोड़ रुपये निवेश करना होगा। साथ ही बिजली की खपत पर प्रति यूनिट एक रुपये सरकार अपनी ओर से देगी। संयंत्र में अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इंतजाम करने पर एक करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। यह प्रस्ताव जल्द ही उद्योग विभाग द्वारा कैबिनेट में अंतिम स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के दौरान हो रही ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार अब ऑक्सीजन संयंत्र लगाने को प्रोत्साहित करेगी। उद्योग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न् तरह के उद्योगों को प्रोत्साहन स्वरूप अनुदान दिया जाता है। यह अधोसंरचना, मशीनरी आदि पर होता है। कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की जिस तरह मांग उठी और आपूर्ति की समस्या सामने आई, उसे देखते हुए अब सरकार ने अपने स्तर पर जिला अस्पतालों में संयंत्र लगाने का निर्णय लिया है। वहीं, निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए निवेश प्रोत्साहन नीति में नया प्रविधान किया जा रहा है। इसके तहत ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने पर अधिकतम 75 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।प्लांट में आग से दुर्घटना को रोकने के उपाय करने पर एक करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। ऑक्सीजन बनाने के लिए बिजली उद्योगों को मिलने वाली दर पर मिलेगी पर एक रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से सरकार अनुदान देगी। बताया जा रहा है कि एक करोड़ रुपये न्यूनतम निवेश की शर्त इसलिए रखी गई है ताकि निजी अस्पताल संचालक संयंत्र लगाने के लिए प्रोत्साहित हों। उद्योग विभाग के इस प्रस्ताव को वित्त विभाग ने अपनी सहमति दे दी है। अब इसे अंतिम मंजूरी के लिए कैनिबेट के सामने रखा जाएगा। शासकीय भूमि भी नीति के तहत मिल सकेगी। सभी प्रकार की अनुमतियां ऑनलाइन मिलेंगी ताकि अनावश्यक समय न लगे।

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