सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप दोषी मुकेश सिंह की याचिका खारिज कर दी है। फांसी से बचने के लिए मुकेश सिंह ने दया याचिका दायर की थी। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कोई सबूत नहीं है कि प्रासंगिक दस्तावेज राष्ट्रपति के सामने नहीं रखे गए थे। मुकेश ने अपनी दया याचिका खारिज करने के लिए खिलाफ अर्जी दाखिल की थी।

इस मामले को लेकर मुकेश की वकील अंजना प्रकाश ने कहा था कि राष्ट्रपति के सामने कई दस्तावेज नहीं रखे गए थे, इसलिए दया याचिका खारिज होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को विचार करना चाहिए। अपनी वकील के जरिए मुकेश ने कहा था कि उसका जेल में यौन उत्पीड़न हुआ था और उसके भाई राम सिंह की हत्या की गई थी।

बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने खुद को संतुष्ट करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजे गए सारे दस्तावेजों को देखा। गृह मंत्रालय ने सारे दस्तावेज भेजे थे। मुकेश की याचिका में कोई मेरिट नहीं है। जेल में प्रताड़ना दया के लिए कोई आधार नहीं है। इसके बाद मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया गया। फैसला आने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि अब मुझे उम्मीद है कि पूरा इंसाफ मिलेगा। मुजरिम कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। मुकेश की याचिका खारिज होने से अब मुझे एक फरवरी को दोषियों की फांसी की उम्मीद है। पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछले दिनों चारों दोषियों को पहले 22 जनवरी सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाने की तारीख तय की थी, लेकिन इसके बाद दोषी मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति के सक्षम दया याचिका लगा दी थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा निर्भया के दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी किया। चारों दोषियों को अब 1 फरवरी सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा।

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