नई दिल्ली। संस्कृति मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की लापता कलाकृतियों के संबंध में मीडिया में आ रही खबरें पूरी तरह से गलत हैं। मंत्रालय ने कहा कि इस साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया था, जहां पर इन कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया था। इन कलाकृतियों को एएसआई द्वारा लाल किला संग्रहालय से विक्टोरिया मेमोरियल को उधार में दिया गया था।

इसके लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था, जिसमें दोनों संगठनों के बीच एक औपचारिक समझौता-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए गए थे। यह एमओयू छह महीने के लिए मान्य है और एक साल तक बढ़ाया जा सकता है। इन कलाकृतियों को उचित सुरक्षा और बीमा के साथ कोलकाता भेजा गया था। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि संग्रहालयों के बीच प्राचीन वस्तुओं और प्रदर्शनीय वस्तुओं को उधार लेना और उधार लेना एक नियमित गतिविधि है। इस मामले में, एएसआई और वीएमएच दोनों ही संस्कृति मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं।

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