नई दिल्ली । कोरोना काल में मोदी सरकार और जनता से कंधा से कंधा मिला कर काम करने सरकारी कंपनियों के कार्मिकों ने सरकार से विशेष मांग की है। इनका कहना है कि कोरोना के कारण इस साल अधिकतर ने केजुअल लीव नहीं लिया। अभी भी कई राज्यों में कोरोना का कहर जारी है। इसकारण वर्ष 2020 का कैजुअल लीव अगले साल कैरी फारवर्ड किया जाए।
केंद्र सरकार के करीब ढाई सौ सरकारी कंपनियों में काम करने वाले अधिकारियों की संस्था नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ऑफिसर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय लोक उद्यम विभाग के सचिव को पत्र लिख कर मांग की है। संगठन के अध्यक्ष आलोक राय का कहना है कि देश भर में कोविड-19 के प्रसार के बावजूद, सीपीएसई के कर्मचारी देशभर में वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।पीएम मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सीपीएसई सबसे आगे हैं। आलोक के मुताबिक इस समय तापमान में कमी के साथ, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका के कई शहर कोरोना की दूसरी लहर झेल रहे हैं। उत्तरी भारत में भी सर्दी शुरू होने से कोविड का प्रसार का जोखिम बढ़ गया है। इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सावधानियों को जारी रखें और कामकाज को प्रभावित किए बिना यात्रा कम से कम करें।
इनका कहना है कि वर्ष 2020 कैलेंडर वर्ष समाप्त होने के करीब आ रहा है। इस साल, अधिकांश कर्मचारियों ने अपने केजुअल लीव का उपयोग नहीं किया है। हालांकि वे कैलेंडर वर्ष के अंतिम महीने में इसके उपयोग की योजना बना सकते हैं। लेंकिन इससे वह सीपीएसईएस में कोविंड-19 के प्रसार के जोखिम को आमंत्रित कर सकते हैं। यह कंपनी की उत्पादकता और प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। संगठन का कहना है कि उपरोक्त वजहों से यह अनुरोध किया जाता है कि सीपीएसई को कैलेंडर वर्ष 2020 के कैजुअल लीव को कैलेंडर वर्ष 2021 तक लागू करने का निर्देश दिया जाए।

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